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गोरखपुर : व्यावसायिक भवनों में जल संरक्षण व्यवस्था अनिवार्य होगी

गोरखपुर, 02 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के व्यावसायिक भवनों में जल संरक्षण (रेन हार्वेस्टिंग) की व्यवस्था अनिवार्य करने की तैयारी है। भविष्य में जितने भी नक्शे पास होंगे उन सबमें जल संरक्षण व्यवस्था अनिवार्यता होगी। यही वजह है कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने जल संरक्षण की आवश्यकता को स्वीकारा है और व्यावसायिक भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के प्रावधान को अनिवार्य करने की तैयारी में है। 300 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल में बनने वाले व्यावसायिक भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था का प्रावधान है। प्रदेश के कई विकास प्राधिकरणों में इसका प्रावधान का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। लेकिन, जीडीए के क्षेत्र में भूजल का स्तर ऊपर होने के कारण इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है। भवन स्वामी अपनी सुविधा के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कर सकते हैं। हालांकि कई भवनों में इस तरह की व्यवस्था की भी गई है। जीडीए की योजनाओं में भी नहीं है व्यवस्था जीडीए की ओर से विकसित की गई योजनाओं में भी वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है। बताया जा रहा है कि रामगढ़ताल क्षेत्र में बनाई गई आवासीय कालोनियों में भूजल का स्तर ऊपर है और यही कारण है कि रेन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। बोले जीडीए सचिव जीडीए के सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में बने व्यावसायिक भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है, किंतु भूजल का स्तर अधिक होने के कारण यहां इस व्यवस्था को अनिवार्य नहीं की गई है। अब इस व्यवस्था को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जल संरक्षण पर गंभीर है सरकार जल संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर है। गोरखपुर जिले में भी इसी को देखते हुए जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद का गठन किया गया है। समय-समय पर इस परिषद की बैठक की जाती है। यह परिषद जिले में भूजल के स्तर की समीक्षा भी करेगा। परिषद में शामिल विशेषज्ञ भूजल संरक्षण को लेकर संभलने की बात कर रहे हैं। इसी क्रम में भूजल का दोहन करने को लेकर भी नियम कड़े किए जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद

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