gorakhpur-39caven-x39-will-keep-students-sitting-at-home-from-class
gorakhpur-39caven-x39-will-keep-students-sitting-at-home-from-class

गोरखपुर : घर बैठे छात्रों को भी क्लास से जोड़े रखेगा 'कैवेन-एक्स'

- छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराचंल के युवा इंजीनियर्स ने मिलकर बनाया ऐसा साफ्टवेयर, जिससे एक साथ जुड़ सकेंगे 10 लाख विद्यार्थी गोरखपुर, 09 मार्च (हि.स.)। कोरोना काल में चुनौतियों का सामना करते-करते अब हर व्यक्ति ऐसी समस्याओं से निजात के प्रयास का आदी हो गया है। तमाम तरह की कठिनाइयों ने लोगों को सकारात्मक दिशा की ओर मोड़ दिया है। युवा इंजीनियर्स को भी कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिली और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने ज्ञान का परचम फहराने में कामयाबी हासिल की है, जिनमें से ही गोरखपुर के गोरखनाथ क्षेत्र के विकासनगर निवासी अभीष्ट सिंह की टीम भी शामिल है। टीम के चार सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने 'कैवेन-एक्स' नाम का एक अनोखा एजुकेशनल प्लेटफार्म विकसित किया है। जो छात्रों को स्कूल में चलाने वाली क्लास से घर बैठे छात्रों को भी जोड़े रखेगा। इतना ही नहीं क्लास की हर शैक्षणिक गतिविधि को वह दोबारा भी देख सकेगा। स्टार्टअप इंडिया के तहत तैयार किया गया यह सॉफ्टवेयर एक साथ 10 लाख छात्रों को जोड़ सकता है। टीम लीडर अभीष्ट सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल-कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था ठप पड़ी तो इस तरह का सॉफ्टवेयर विकसित करने का विचार आया। इन्होंने बताया कि टीम में शामिल सभी साफ्टवेयर इंजीनियर अलग-अलग प्रदेशों या क्षेत्रों से हैं। उज्ज्वल भारद्वाज देहरादून के हैं। उज्ज्वल गुप्ता नैनीताल और स्वास्तिक श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वाली टीम के लीडर का कहना है कि यह ऐसा एजुकेशनल प्लेटफार्म है, जहां सर्वर डाउन होने जैसी कोई समस्या नहीं है। यह स्कूलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अभीष्ट ने बताया कि छात्र शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण अंचल के भी होते हैं। इसलिए उनकी सहूलियत के पूरा ख्याल रखा गया है। यहां तक कि दोबारा दस्तक दे रहे कोरोना वायरस काल में भी निपटने में पूरी तरह सक्षम है। इसका प्रकोप बढ़ने पर ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड से पढ़ाई हो सकती है। खास फीचर्स से भरा है 'कैवेन-एक्स' उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर में कई खास फीचर हैं। इसमें दिन में स्कूल में संचालित हुई कक्षाओं को छात्र घर जाकर दोबारा देख सकते हैं। इसमें छात्रों का व्हाट्सएप ग्रुप बन सकता है। आपस में चैट शेयर कर सकते हैं। हर क्लास के लिए अलग-अलग इंतजाम हैं। सॉफ्टवेयर में एलुमिनाई सेगमेंट भी रखा गया है, जिसमें स्कूल के पुरातन छात्र भी जुड़ सकेंगे। इतना ही नहीं, सॉफ्टवेयर में 10 लाख तक छात्र जुड़ सकते हैं। वे एक साथ पढ़ सकते हैं। कोर्स मटेरियल, किताबें भी अपलोड हो सकेंगी। एक साथ कितने छात्रों ने कोर्स पढ़ा, इसकी जानकारी शिक्षक को मिलेगी। स्कूलों में हो चुका है ट्रायल अभीष्ट के मुताबिक पांच माह में तैयार सॉफ्टवेयर का कुछ स्कूलों में ट्रॉयल किया गया है। मिले फीडबैक के हिसाब से साफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है। स्कूल वोकेशनल कोर्स, समर ट्रेनिंग व पाठ्येतर गतिविधिया भी संचलियत कर सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in