ईश्वर का नहीं होता कोई सम्प्रदाय -अशोक आर्य
गाजियाबाद, 17 फरवरी (हि.स.)। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित दो दिवसीय महर्षि दयानंद सरस्वती समारोह के समापन अवसर पर बुधवार को भारतीय राजस्व सेवा में वरिष्ठ अधिकारी अशोक आर्य ने कहा कि वेदों के ज्ञान से मानव अपने जीवन के मार्ग प्रशस्त करता है। वेद सत्य हैं। वे एक अप्रत्यक्ष ईश्वरीय सत्ता को मानते हैं। उनकी नजर में ईश्वर का कोई सम्प्रदाय नहीं होता। उन्होंने कहा कि इंसान केवल मशीन है और वेद इसके आपरेटर हैं। जिस प्रकार मशीन बिना आपरेटर के नहीं चल सकती, उसी प्रकार वेदों के बिना इंसान जीवन-यापन नहीं कर सकता। मे उन्होंने विद्यार्थियों को यजुर्वेद के श्लोकों का महत्व बताते हुए इनका उच्चारण भी कराया। मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने वेदों के मंत्रों पर प्रकाश डाला और इन्हें अपने मूल जीवन में अपनाने की विद्यार्थियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वामी दयानंद की सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक अवश्य पढ़ें। यह विश्व में व्याप्त तमाम विवादों और पाखंडों पर तीव्र कुठाराघात करती है और मानवता का पाठ पढ़ाती है। समारोह में विद्यार्थियों ने कविताओं, भाषण व भजनों के माध्यम से स्वामी दयानंद के विचारों का बखान किया। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान-hindusthansamachar.in