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गंगा हमारे देश, संस्कृति की पहचान एवं अमूल्य धरोहर: चम्पत राय

प्रयागराज, 18 फरवरी (हि.स.)। गंगा हमारे देश व संस्कृति की पहचान एवं अमूल्य धरोहर है। इसकी रक्षा करना हम सब का परम कर्तव्य है। आज आवश्यकता है कि हम अपने देश की प्राणदायिनी गंगा के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। यह बातें गुरुवार को श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने माघ मेला सेक्टर चार अन्नपूर्णा मार्ग स्थित 'गंगा सेवा मंच' के शिविर में गंगा जी के विषयों पर भव्य प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कही। इस दौरान गंगा प्रदर्शनी कार्यक्रम के अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता शशांक शेखर पांडेय मौजूद रहे। प्रदर्शनी के आयोजक संस्था गंगा सेवा मंच के अध्यक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रदर्शनी के आयोजन का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें गंगा सहित देश की अन्य जीवनदायिनी नदियों के प्रति संवेदनशील बनाना है। इसी क्रम में माघ मेला स्थित विहिप के शिविर में गंगा समग्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चम्पत राय ने कहा कि जीवनदायिनी गंगा भारत के संस्कृति, आध्यात्मिक, चिंतन, जलवायु, अर्थव्यवस्था एवं सभी सामाजिक स्तर पर अपने सांस्कृतिक मूल्यों की अमिट छाप छोड़ती है। गंगा को सभी तरह के बन्धनों से मुक्त कराना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए अनेक संस्थाओं की तरफ से जो प्रयास हो रहा है, निश्चित रूप से इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गंगा भारत की आत्मा हैं, गंगा का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। सरकार गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को लेकर लगातार कार्य कर रही है। अविरलता ही गंगा को बचाने का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा, समाज और सरकार दोनों को सक्रिय रूप से सहयोग करना होगा, तभी गंगा स्वच्छ होगी। गंगा भारत की जीवन रेखा है, गंगा के कारण ही भारत की पूरी दुनिया में पहचान है। गंगा ज्ञान एवं यमुना वैराग्य की प्रतीक है। हर नदी की अपनी तासीर एवं तेवर होते हैं। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने हेतु माघ मेला के सेवक रमेश ओझा को गंगा सेवा मंच द्वारा सम्मानित किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय-hindusthansamachar.in

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