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गांधी के रामराज्य, आम्‍बेडकर की सोशल डेमोक्रेसी, दीनदयाल के अंत्योदय से होगा राष्ट्र-निर्माण - राममाधव

गोरखपुर, 13 फरवरी (हि.स.)। इंडिया फाउंडेशन शासक मंडल के सदस्य व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारक राम माधव ने शनिवार को कहा कि विश्व में तेजी से वैचारिक बदलाव हो रहा है। 20वीं सदी यूरोपीय देशों के नाम रही, लेकिन 21वीं सदी भारतीयों की हो, इसके लिए भारतीय अस्मिता और राष्ट्रभाव को जगाना होगा। देश के हर नागरिक को स्टेक होल्डर बनना होगा। गांधी के रामराज्य, आम्बेडकर की सोशल डेमोक्रेसी और दीनदयाल के अंत्योदय को अपनाकर राष्ट्र निर्माण करना होगा। शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अंतर-राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन दीक्षा भवन में आयोजित स्पीकर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा वर्ष 1990 में भारत और चीन की जीडीपी लगभग बराबर थी। आज 30 साल बाद चीन की जीडीपी भारत से पांच गुना है। सवाल उठता है कि चीन ने ऐसा क्या किया, जो आज उसके देश की जीडीपी बुलंदियों को छू रही है। चीन ने राष्ट्र शक्ति को जगाने का काम किया किया। हमारे देश की अर्थव्यवस्था तीन ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल कर रही है। जल्द ही हम पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। स्पीकर ऑफ द ईयर व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता राममाधव ने कहा कि हम दुनिया के पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में हैं, लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में दुनिया में 158वीं रैंक पर हैं। यह सपना पंडित दीनदयाल का एकात्म मानवदर्शन भी दिखाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विश्व की संरचना में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। मल्टीनेशनल व तकनीकी कंपनियां इतनी शक्तिशाली हो चुकी है कि वह देशों से लड़ रही है। एनजीओ जमीनी स्तर पर अपना प्रभाव दिखा रहे हैं। विश्व में एक नई संरचना खडी हो रही है। पर्यावरण संरक्षण, क्लाइमेट चेंज, हेल्थ केयर के साथ तकनीकी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मेटा डेटा व बिग डेटा बड़ा एजेंडा बन चुका है। नई विश्व संरचना का विचार हमारे पास है। एकात्म मानवदर्शन ही वह बड़ा विचार है। विशिष्ट अतिथि कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने कहा कि पिछले सात सालों में पंडित दीनदयाल के दर्शन को जमीन पर उतारने की दिशा में तेजी से काम हुआ है। मंडल में 6.5 लाख शौचालय, 20 लाख किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि, 2.5 लाख गरीबों को आवास देने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार दीनदयाल के दर्शन के अनुसार समाज के आखिरी सोपान तक पहुंचने का कार्य कर रही है। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर हैं। हर साल अब दीनदयाल की स्मृति में स्पीकर ऑफ द लेक्चर का आयोजन किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि पहली बार दीनदयाल जी की स्मृति में वृहद स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का संचालन और आभार ज्ञापन प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में पूर्व कुलपति प्रो. रजनीकांत पांडेय, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, आरएसएस के रमेश, इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ.बालमुकुंद पांडेय, आर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर, समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, मीडिया प्रभारी महेंद्र कुमार सिंह, डॉ.रूचिका सिंह, दीपेंद्र मोहन सिंह मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद-hindusthansamachar.in

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