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गम्भीर चोटें पहुंचाने के चार आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास

- पांच-पांच हजार रूपये का अर्थदण्ड, न देने पर भुगतना होगा अतिरिक्त कारावास फिरोजाबाद, 26 फरवरी (हि.स.)। न्यायिक मजिस्टेªट राशि रहेजा ने शुक्रवार को गम्भीर चोटें पहुॅचाने वाले चार आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच-पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा से दण्डित किया। जुर्माना अदा न करने पर प्रत्येेक को 15-15 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। मामला थाना बसई मौहम्मदपुर से जुड़ा हुआ है। घटना इस प्रकार है कि लटूरी सिंह पुत्र कन्हीराम निवासी विलहना जो कि गांव में ओमप्रकाश जाटव के आम के पेड़ की रखवाली करता था। 16 अप्रैल 2006 को समय करीब 2 बजे दिन वह जब आम की रखवाली कर रहा था तब गांव विलहना का जो कि वहां से 400-500 मीटर की दूरी पर है का रहने वाला यादराम पेड़ के पास आकर आम तोड़ने लगा। उसके मना करने पर वह नही माना तथा उसके साथ अन्य अभियुक्तगण ग्याप्रसाद, रामसनेही व प्रमोद पुत्रगण सूरजभान ने वादी के साथ गाली-गलौज की एवं कहा कि साला आम क्यों नही तोड़ने देगा तथा हाथ में लिये लाठी डंडो से उसको मारने पीटने लगे। जिससे उसके वाये हाथ में फै्रक्चर आया। तत्पश्चात उसके शोर मचाने पर उसके भाई केसरी व गांव के ओमप्रकाश आदि लोग आ गये। उसको काफी चोटे आयी। ऐसे में उसने ने घटना के बावत अभियुक्तगण के बिरूद्व मारपीट एवं गाली गलौज के बावत थाना बसई मौहम्मदपुर में लिखित तहरीर दी। उक्त तहरीर के आधार पर थाने में एनसीआर धारा 323, 504 अंकित की गई। चिट्ठी मजरूमी देकर डाक्टरी मुआयना कराया गया। मुआयने में फै्रक्चर का होना पाया गया तथा चोट का गम्भीर होना पाया गया। जिसके आधार पर एनसीआर में धारा 325 की बढ़ोत्तरी की गई। एनसीआर को तरमीम कर धारा 323, 324, 504, 325 में मुकदमा परिवर्तित किया गया। पुलिस ने विवेचना उपरान्त चारों आरोपियों के विरूद्व धारा 323, 324, 325, 504 आईपीसी में न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया। मुकदमा न्यायिक मजिस्टेªट राशि रहेजा की न्यायालय में विचारण एवं निस्तारण हेतु भेजा गया। न्यायालय ने अभियुक्तगण पर आरोप लगाया। अभियुक्तगण ने आरोप से इन्कार किया और सत्र परीक्षण की माॅग की। शासन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक अभियोजन अधिकारी विनय कुमार वर्मा ने केस को साबित करने के लिए उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीर न्यायालय के समक्ष पेश की। न्यायाधीश राशि रहेजा नेें दोनों पक्षों के तर्क सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य का गहनता से अध्यन करने के बाद चारों आरोपियों को दोषी पाते हुए खुले न्यायालय में सजा सुनाई है। हिन्दुस्थान समाचार/कौशल

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