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रोज कमाने वालों के सामने भोजन का संकट, चाइल्ड लाइन ने बांटी राशन किट

- मेडिकल कॉलेज में मरीजों के तीमारदारों को कराया जा रहा निःशुल्क भोजन झांसी, 12 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है। लोगों को शहर में कोई दिहाड़ी का काम नहीं मिल रहा है। ऐसे जरूरतमंद परिवारों के लिए परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन के द्वारा भोजन पैकेट एवं राहत राशन सामग्री वितरित की गई। लॉक डाउन होने पर चाइल्ड लाइन झांसी के निदेशक संजय सिंह ने कहा कि जरूरत के समय पर मदद करना मानव की सच्ची सेवा है। ऐसी स्थिति में हमें ऐसे परिवार खासकर बच्चे जो सड़क किनारे ही अपना जीवन यापन करते हैं, उन पर ज्यादा ध्यान देना होगा और देखना होगा कि कोई भी बच्चा भूखा न सोये। लॉकडाउन होने पर कई परिवार जो रोज-खाने कमाने का कार्य करते है उनकी आजीविका प्रभावित होगी ऐसी स्थिति में उन परिवारों तक पहुंचना होगा और मदद करनी होगी। उन्होंने कहा ऐसे परिवारों की मदद के साथ-साथ कोरोना वाॅयरस के बचाव हेतु जागरूक करने की आवश्यकता है। चाइल्ड लाइन ऐसी स्थिति में बच्चों पर कोई असर न पड़े इसके लिए आवश्यक काउंसलिंग सेवा चालू करने का काम करें। चाइल्ड लाइन जिला संयोजक अमरदीप वमोनिया ने अपनी टीम रामलखन यादव, हेमंत पस्तोर के साथ तत्काल झांसी शहर के मुख्य चौराहों में सर्वे किया। जिसमें पाया गया कि जेल चौराहा सड़क के किनारे बनी झुग्गी-झोपड़ी में 15 परिवार रहते है जिनमें बच्चों की संख्या 40 हैं। यह परिवार सड़क किनारे भीख मांगने एवं गुब्बारे बेचने का कार्य करते हैं। लॉक डाउन होने से लोगों का आवागमन बंद हैं जिससे भोजन का संकट उत्पन्न हो गया हैं। तत्काल संस्थान की टीम ने ऐसे परिवारों को राशन सामग्री वितरण की जिससे वह भूखें न सोयें। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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