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फर्रुखाबाद : सपा जिलाध्यक्ष लखनऊ तलब, जा सकती कुर्सी

- जिला पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी में हुई रार का मामला फर्रुखाबाद, 28 जून (हि.स.)। समाजवादी पार्टी में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद को लेकर चल रही रार की गाज जिलाध्यक्ष पर गिरना तय हो गया है। सचिन यादव को पार्टी से निष्कासित करने के बाद सपा में त्याग पत्रों का दौर शुरू हो गया है। जिसको लेकर हाईकमान भी चिंतित हो गया है। दूसरी तरफ सपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य भी पार्टी से किनारा कर गए हैं। जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिलाध्यक्ष नदीम फारुकी को लखनऊ तलब कर लिया है। बताते चलें कि, जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए इस बार सचिन यादव का नाम पैनल में भेजा गया था। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिलाध्यक्ष नदीम फारुकी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने सुबोध यादव के पक्ष में 22 सदस्य होने की सूची पेश कर दी। जिसको लेकर सचिन यादव की जगह सुबोध यादव को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद सचिन यादव की बहन मोनिका यादव चुनाव मैदान में कूद पड़ी और उन्हें भाजपा ने भी समर्थन दे दिया। मोनिका यादव का पल्ला भारी देखकर दिग्गज सफाई नरेंद्र सिंह के खेमे में पहुंच गए। जिससे सुबोध यादव पार्टी में अलग-थलग पड़ गए। नतीजतन समाजवादी पार्टी में त्याग पत्रों का दौर शुरू हो गया और देखते देखते सभी सदस्य सपा से किनारा कर गए।मौजूदा समय में सुबोध यादव के पक्ष में 07 सदस्य बचे हैं। यह जानकारी मिलने पर सपा के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नदीम फारुकी को लखनऊ तलब किया है। जब इस संबंध में पार्टी के दिग्गज नेताओं से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सचिन के साथ अन्याय हुआ है। इस वजह से वह जमीनी नेता नरेंद्र सिंह यादव के साथ हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह यादव के घर में 13 बार विधायकी रही। यदि वह जमीन से जुड़े नेता ना होते तो उनके पिता राजेंद्र सिंह यादव सात बार विधायक न बनते और नरेंद्र सिंह यादव 06 बार चुनाव नहीं जीत पाते। इतना सब जानकर सचिन यादव को पार्टी से 06 साल के लिए निकाल दिया गया। जिससे समाजवादी पार्टी के अधिकांश लोग नाराज हो गए। और पार्टी से किनारा कर गए। सपा के जिलाध्यक्ष नदीम फारुकी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। वह इस समय लखनऊ में मौजूद हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव यूनुस अंसारी ने बताया कि सपा जिलाध्यक्ष कोई दोष नहीं है। उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। कार्यकर्ता सचिन को निकाले जाने से नाराज है। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष नदीम फारुकी के सभी फोन बंद है। हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रपाल

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