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चीनी बिक्री से प्राप्त धन पर किसानों का हक : अनीता सी मेश्राम

मेरठ, 03 फरवरी (हि.स.)। मेरठ मंडल की आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने कहा कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान सर्वोच्च प्राथमिकता पर कराया जाए। चीनी बिक्री से मिलने वाले पैसे पर किसानों का हक है। आयुक्त सभागार में बुधवार को गन्ना मूल्य भुगतान की मंडलीय समीक्षा बैठक में आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने कहा कि गन्ना भुगतान की धनराशि किसानों की है। इसलिए कोई भी चीनी मिल चीनी बिक्री व अन्य मदों से प्राप्त धनराशि का डायवर्जन न करें। यह स्वीकार्य नहीं होगा। चीनी मिलों को पूर्ण क्षमता के साथ चलाया जाए। गन्ना समितियों के बकाया भुगतान कराया जाए। आयुक्त ने एक-एक करके सभी चीनी मिलों के प्रबंधकों से पिछले पेराई सत्र व वर्तमान पेराई सत्र मंे गन्ना मूल्य के लंबित भुगतानों की जानकारी ली। सभी चीनी मिल प्रबंधकों से कहा कि किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाए। गन्ना मूल्य के भुगतान के रूप में चीनी की बिक्री एक वैकल्पिक रूप में किसानों को करने के लिए चीनी मिल परिसर के अंदर बिक्री केन्द्र बनाया जाए। उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने बताया कि किसान गन्ने के अवशेष न जलाए। इसके लिए फार्म मशीनरी बैंक स्थापित है। जहां से किसान मल्चर आदि मशीनें किराये पर उपयोग के लिए ले जाते है। इन मशीनों से किसानों को फायदा है। पेराई सत्र 2019-20 में मंडल की 16 चीनी मिलों द्वारा दो फरवरी 2021 तक 91.01 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। जनपद मेरठ की किनौनी शुगर मिल द्वारा दो फरवरी 2021 तक 94.76 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। शेष पांचों मिलों ने शत-प्रतिशत भुगतान गत पेराई सत्र का कर दिया है। किनौनी शुगर मिल को एक सप्ताह में गत पेराई सत्र का अवशेष का भुगतान करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 में मंडल की 16 चीनी मिलों द्वारा दो फरवरी 2021 तक 14409.42 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है। जिसमें मेरठ की किनौनी शुगर मिल को छोड़कर शेष पांचों चीनी मिलों ने 37065.20 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/दीपक-hindusthansamachar.in

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