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भारत बंद के आह्वान पर किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाया जाम

हापुड़, 26 मार्च (हि. स.)। संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर शुक्रवार को किसान जनपद के किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। इस कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से निकाला। वाहन चालकों ने आन्दोलनकारियों से समस्या का समाधान कराने के लिए सकारात्मक रुख अपनाए जाने की मांग की। केद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में विगत तीन माह से आन्दोलन चला कर टीकरी, सिघूं और गाजीपुर बार्डर पर धरना देकर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया हुआ है। कुछ स्थानों पर आन्दोलनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर पक्के निर्माण करने का प्रयास भी किया था जिसे पुलिस ने असफल कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा ने इन कानूनों के विरोध में चलाए जा रहे आन्दोलन के अन्तर्गत 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया था। इस आह्वान पर बुधवार को किसान अपने ट्रैक्टर लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच गए और काली नदी के निकट जाम लगा दिया। इस दौरान आन्दोलनकारियों ने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी कर धरना दिया। कुछ किसान घंटे, घड़ियाल और अन्य वाद्य यन्त्र लेकर भी आए थे। उन्होंने इन वाद्य यन्त्रों को बजा कर केंद्र सरकार के विरुद्ध चलाए जा रहे आन्दोलन को और तेज करने की घोषणा की। इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-9 से गुजरने वाले वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए प्रशासन ने वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला। इस दौरान धरनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। जाम के कारण परेशानी का सामना करने वाले वाहन चालकों का कहना था कि आन्दोलनकारी किसानों की हठधर्मिता के कारण सामान्य जन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केद्र सरकार बार-बार वार्ता कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रही है तो आन्दोलनकारी किसानों को भी सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। मुरादाबाद से दिल्ली जा रहे मुरादाबाद निवासी अशोक चैधरी का कहना था कि सरकार ने जब कानूनों को डेढ़ वर्ष तक के लिए लागू नहीं करने की घोषणा कर दी थी, इस आन्दोलन को तभी समाप्त कर दिया जाना चाहिए था। आन्दोलनकारी किसी भी तरह से समस्या का समाधान नहीं चाहते हैं अपितु अपनी हठधर्मिता के कारण देश की जनता को परेशान कर रहे हैं। गाजियाबाद से ब्रजघाट जा रहे रमेश मित्तल का कहना था कि आन्दोलनकारी किसी भी रूप से समस्या का समाधान नहीं करना चाहते हैं तो सरकार को सख्ती दिखानी चाहिए ताकि आम लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। देश के अन्य नागरिकों के हितों की रक्षा करना भी सरकार का दायित्व है। हिन्दुस्थान समाचार/विनम्र/दीपक

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