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रायबरेली की फर्जी अनामिका शुक्ला लखनऊ से गिरफ्तार

रायबरेली, 21 जून (हि.स.)। अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका को पुलिस ने सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। 16 महीनों तक पुलिस की पकड़ से दूर रही जालसाज के ऊपर 15 हज़ार का ईनाम भी था। पूरे प्रदेश मे चर्चित इस प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद कई ख़ुलासे होने की उम्मीद है। गिरफ्तार कथित अनामिका शुक्ला का असली नाम मंजेश कुमारी है और वह कन्नौज जिले के रामपुर बेहटा की निवासिनी है। करीब छह महीने से वह लखनऊ के ठाकुरगंज के एक नर्सिंग होम में नौकरी कर रही थी। मंजेश ने गोंडा की अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2019 में बछरांवा के कस्तूरबा विद्यालय में शिक्षक के पद पर नियुक्ति पाई थी। 2020 में होली की छुट्टी पर वह घर चली गई और लम्बे समय तक वापस विद्यालय नहीं आई। विभाग में जब अधिकारियों ने जानकारी इकट्ठा की तो उसका फर्जीवाड़ा सामने आया। दीक्षा ऐप पर डेटा फीडिंग के दौरान इस पूरे जालसाजी की पुष्टि हो गई। इसके बाद बीएसए के निर्देश पर जून 2020 को फर्जी अनामिका पर बछरांवा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मंजेश ने अनामिका बनकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में खाता भी खुलवा लिया और बगैर आधार लिंक कराये एक साल तक वेतन लेती रही। आधार को लेकर वह बैंक और विभागीय अधिकारियों को लागातार झांसे में लेती रही। इधर फर्जी अनामिका शुक्ला प्रकरण की प्रदेश के अन्य जनपदों से भी शिकायतें आनी शुरू हो गई। जिसके बाद यह मामला काफ़ी चर्चित हो गया। लम्बे समय तक पुलिस मंजेश उर्फ अनामिका को खोज रही थी और उसके ऊपर 15 हज़ार का ईनाम घोषित कर दिया गया। हालांकि इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है और आगे कई बड़े खुलासे की उम्मीद भी की जा रही है। अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि बछरांवा में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका को गिरफ़्तार किया गया है, जांच की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश/विद्या कान्त

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