लिंग संवेदीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए मण्डलायुक्त ने दिये सुधार के दिशा निर्देश

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झांसी, 22 फरवरी (हि.स.)। मण्डल में गिरते लिंगानुपात के लिए जहां एक ओर कमिश्नर ने मुखबिर योजना को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिये हैं, वही दूसरी ओर उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिये कि विभाग एक अंतर्विभागीय योजना बनाकर इसके प्रति सघन रूप से कार्य करे। कमिश्नर ने बताया कि झांसी मण्डल में ललितपुर जनपद में बाल विवाह एवं टीन-एज प्रेग्नेंसी (किशोरियों का गर्भवती होना) का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक है, जिससे स्वास्थ्य और उससे जुड़े महिलाओं के मुद्दों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति से निपटने के लिए रविवार को कमिश्नर ने हैल्थ पार्टनर फॉरम के सदस्य व विभागों के मण्डल स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह कार्ययोजना बनाएं तथा उसका प्रभावी क्रियान्वयन भी करें। इस कार्य में समन्वयक की भूमिका उप-निदेशक समाज कल्याण की होगी। उन्होंने महिला कल्याण विभाग को निर्देश दिये कि वह "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" अभियान की सफलता के लिए विशेष प्रयास करें। वही, लिंग संवेदीकरण जागरूकता के लिए मण्डल अथवा जनपद स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक मैराथन दौड़ का आयोजन करने की योजना बनाएं, जिसमें संबन्धित विभागों की भूमिका तय की जाए। उन्होंने शिक्षा विभगा को निर्देश दिये कि वह स्कूल में लिंग संवेदीकरण से संबन्धित जागरूकता के लिए नारे लगवाएं तथा माह में एक या दो दिवस निर्धारित कर लिंग संवेदीकरण विषय पर गोष्ठी व सेमिनार व बाल-सभा व वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं जागरूकता क्लब का गठन आदि का आयोजन कराएं। कमिश्नर ने बताया कि अगली हैल्थ पार्टनर फॉरम की बैठक में विभागों को दिये गए दायित्वों के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। वही उन्होने कहा कि यह सिर्फ विभागीय कार्य नहीं है, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी है। अतः सभी विभागीय अधिकारी इसके प्रति निष्ठापूर्ण कार्य करें। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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