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मिसाल: कोरोना संकट में युवा व व्यापारी पढ़ा रहे हैं 'स्व-अनुशासन' का पाठ

रायबरेली, 17 अप्रैल(हि.स.)। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कुछ कर गुजरने के जुनून से भरे लोग और संगठन भी सामने आ रहे हैं। बाजारों व चौराहों पर ये लोग जहां मास्क आदि के लिये जागरूक करते नजर आ रहे हैं, वहीं बाजारों के व्यापारी ख़ुद से बाज़ार को बंद या अर्ध बंद की तर्ज पर चला रहे हैं। कोरोना संकट के बीच यह स्वअनुशासन काबिले गौर और लोगों के लिए नज़ीर भी है। रायबरेली के बस स्टॉप के भीड़ वाले बाजार के दर्जनों दुकानदार अब शनिवार और रविवार को बाजार बंद रखेंगे। उनका फैसला बिना किसी के दबाब का है बल्कि उन लोगों ने अपनी व ग्राहकों की सुरक्षा के बाबत यह कदम उठाया है। लॉक डाउन में जहां सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को होता है ऐसे में यह फैसला लॉक डाउन पर सवाल करने वाले लोगों के लिए भी नजीर बन सकता है। इस बाजार के सभी दुकानदारों का यह सामुहिक फैसला है और इसकी खूब सराहना हो रही है। इसी तरह पिछले वर्ष लॉक डाउन में करीब 10 हज़ार लोगों को भोजन बाट चुके ऊंचाहार व्यापार मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र मौर्य इस बार भी सक्रिय हैं। उन्होंने दुकानदारों और ग्राहकों को मास्क पहनाने के लिए अभियान छेड़ रखा है। सुबह से पूरे बाजार वह अपने साथियों के साथ निकलते हैं और दुकानदारों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही वह दुकान में आये ग्राहकों को मुफ्त में मास्क देकर मास्क पहनने की सलाह देते हैं। उन्होंने अपने इस अभियान का नाम दिया है 'मास्क नहीं तो सामान नहीं'। इस अभियान की चर्चा जोरों पर है और लोग इससे प्रेरित भी हो रहे हैं। ख़ासकर दुकानदार साथ ही ग्राहक भी बिना मास्क के दुकानों में जाने से परहेज़ कर रहे हैं। धर्मेंद्र मौर्य के इस अभियान में महामंत्री राजू सोनी,हरिशंकर साहू,शिवकुमार गुप्ता,मो असलम, मो अजीज सहित साथियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। आमजन के लिए यह जागरूकता जहां प्रेरणास्रोत हैं। वही इससे अन्य कई लोग भी संकट के इस दौर में कुछ करने के लिये सामने आ रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश

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