सर्वे के बाद भी जर्जर स्कूल भवनों की नहीं बदल रही तस्वीर
- सर्वे के बाद गिराये जाने है दर्जनों जर्जर भवन, रंगाई पुताई कर जर्जर भवनों में ही चल रहे स्कूल हमीरपुर, 08 जनवरी (हि.स.)। मुस्करा क्षेत्र के कई गांवों में शासन के निर्देश के बाद भी जर्जर स्कूलों की तस्वीर नहीं बदल रही है। शिक्षा विभाग के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बावजूद क्षेत्र के कई गांवों के क्षतिग्रस्त परिषदीय विद्यालयों के अच्छे दिन नहीं आ रहे है। स्थिति यह है कि रंगाई और पुताई करवाकर जैसे तैसे जर्जर भवनों से ही काम चलाया जा रहा है। मुस्करा ब्लाक के गहरौली गांव में संचालित कन्या जूनियर हाईस्कूल की सबसे खराब हालत है। भवन में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी है। सारा सामान एक कमरे में बंद है। बरामदे में अध्यापक बैठने को मजबूर है। प्रधानाध्यापक जयपाल विश्वकर्मा ने शुक्रवार को बताया कि जर्जर भवन के नवनिर्माण के लिये दर्जनों बार सम्बन्धित अधिकारियों को लिखित एवं मौखिक शिकायतें की जा चुकी है। लेकिन अभी तक जर्जर भवनों से निजात नहीं मिल सकी। क्षेत्र के भिटारी गांव का प्राथमिक विद्यालय, रूरी पारा के भटगांव का प्राइमरी स्कूल और टीकापुर का प्राइमरी स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। बांधुर खुर्द का जूनियर हाईस्कूल, बिंवार का कन्या जूनियर हाईस्कूल भवन भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। इन जर्जर भवनों में स्टाफ को मजबूरी में बैठना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि, शिक्षा विभाग के निदेशक विजय किरन आनंद ने इस साल नौ अक्टूबर को पत्र जारी कर 31 अक्टूबर तक जर्जर भवनों को गिराये जाने का निर्देश दिये थे। लेकिन अभी तक पूरे क्षेत्र में जर्जर भवनों की तस्वीर नहीं बदली। खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सभी क्षतिग्रस्त विद्यालयों का गठित टीम से सर्वे कराया जा चुका है। सर्वे रिपोर्ट भी प्रेषित की जा चुकी है। शीघ्र ही सभी जर्जर भवनों को गिराये जाने की कार्यवाही होगी। उन्होंने बताया कि धनराशि के आवंटित होने के बाद नये भवनों के निर्माण भी कराये जायेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज-hindusthansamachar.in