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इटावा : बिजली-पानी को तरस रहे सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय के छात्रों ने खाली बाल्टी लेकर किया प्रदर्शन

इटावा, 09 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के अंतर्गत संचालित पैरामेडिकल महाविद्यालय, नर्सिंग महाविद्यालय एवं फार्मेसी महाविद्यालय के करीब 400 छात्रों को पिछले दो दिनों से हॉस्टल में बिजली पानी ना पहुंचने के चलते हाहाकार मचा हुआ है। शुक्रवार को सामूहिक रूप से एक साथ होकर कालेज कैंपस के बाहर गेट पर हंगामा करते हुए छात्रों ने कालेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की हाथ में खाली बाल्टी, पानी की बोतल लेकर कॉलेज प्रशासन से पानी की मांग करते हुए नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि, विश्वविद्यालय में पिछले 16 मार्च से इलेक्ट्रीशियन हड़ताल पर थे। तब से लेकर लगातार हम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन से बिल्कुल ही हॉस्टल में बिजली पानी नहीं आ रही है। बाहर से पानी खरीद के पी रहे हैं। बाथरूम में पानी नहीं है। छात्रों ने यह भी बताया इस समस्या के बारे में कई बार वार्डन से शिकायत की वार्डन ने भी मैकेनिकल को कई बार फोन किया लेकिन मैकेनिकल नहीं आया आरो वाटर टैंक यूं ही खराब पड़े है। छात्रों ने बताया कि वे बाजार में पानी खरीद कर पीने का खर्च बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। पीने का पानी किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए बुनियादी जरूरत है। लेकिन विश्वविद्यालय छात्रावासों की देखरेख के लिए जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय के ज्यादातर हॉस्टलों की हालत खस्ता है। वहां छात्र-छात्राओं को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए परेशान होना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार लिखित में शिकायती पत्र दिए जाते हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। अभी पूर्व में ही विश्वविद्यालय के कुलसचिव और चीफ वार्डन को लिखित में पत्र देकर समस्या के बारे में अवगत कराया था लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। चिकित्सा विश्वविद्यालय में 16 मार्च से इलेक्ट्रीशियन हड़ताल पर हैं। ऐसे में अगर विश्वविद्यालय में बिजली की कोई समस्या आती है, तो हजारों मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आखिरकार जिम्मेदार अधिकारी क्यों नहीं दे रहे हैं ध्यान मालूम हो कि, राजकीय निर्माण निगम द्वारा विश्वविद्यालय में निर्माण एवं मेंटेनेंस का कार्य देखा जा रहा है। यहां ठेकेदार के माध्यम से 50 इलेक्ट्रीशियन कार्यरत हैं। जिन्हें पिछले छह महीने से मानदेय भुगतान नहीं मिला। जिसके चलते 16 मार्च से सभी इलेक्ट्रिशियन हड़ताल पर चले गए। तभी से विश्वविद्यालय में अव्यवस्थाएं शुरू हो गई थी। जिसका सीधा उदाहरण है छात्रों के हॉस्टलों में पानी न पहुंचने का देखने को मिला है। कुलसचिव सुरेश चंद शर्मा का कहना है बिजली की तो कोई समस्या नहीं आ रही है। लेकिन आरओ खराब हो गया था जिसका पैसा दे दिया गया है। विश्वविद्यालय के जूनियर इंजीनियर को जल्दी ठीक करा कर सुचारू रूप से पानी की व्यवस्था चालू कर दी जाएगी अभी हाल में ही वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है। पानी का टैंकर पहुंचा दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

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