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आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान शिविर में चल रहे अन्नक्षेत्र का समापन

- जगद्गुरु देवतीर्थ ने माघ मेला क्षेत्र से किया प्रस्थान प्रयागराज, 01 मार्च (हि.स.)। आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के माघ मेला शिविर स्थित शिविर में करीब डेढ़ माह से चल रहे अन्नक्षेत्र का सोमवार को समापन हो गया। तत्पश्चात् गोवर्धनपुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने विश्व शांति व सभी के कल्याणार्थ भगवान वेणी माधव और प्रयागराज की पूजा अर्चना कर मेला क्षेत्र से प्रस्थान किया। शंकराचार्य देवतीर्थ ने सुबह पवित्र त्रिवेणी-संगम में स्नान किया और संगम तट पर ही भगवान वेणी माधव, तीर्थराज प्रयाग, नागबासुकि, तक्षकतीर्थ और प्रयाग के अधिष्ठाता मुनि महर्षि भरद्वाज समेत सभी तीर्थों और देवी-देवताओं का विधि विधान से पूजन-अर्चन किया। इसके बाद वह आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के ओल्ड जीटी रोड स्थित शिविर पहुंचे और वहां डेढ़ माह से अनवरत चल रहे अन्नक्षेत्र का समापन किया। इस अन्नक्षेत्र में निर्मोही अखाड़े के महंत छेल बिहारी दास की देखरेख में प्रतिदिन सैकड़ों साधु-संतों और श्रद्धालुओं को भोजन-प्रसाद ग्रहण कराया जाता था। दो दिन पूर्व माघी पूर्णिमा के दिन शंकराचार्य के मेला स्थित शिविर में महायज्ञ का भी समापन हुआ था। कोरोना महामारी से मुक्ति और विश्व के कल्याण हेतु उनके शिविर में यह यज्ञ लगातार चल रहा था, जिसमें देश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालुओं ने आहुतियां डालीं थी। शिविर के एक प्रवक्ता ने बताया कि शंकराचार्य देवतीर्थ प्रयाग माघ मेले से मथुरा-वृंदावन पहुंचेंगे। वहां वह हरिद्वार कुम्भ से पूर्व चल रही वैरागी संतों की बैठक में भी जाएंगे। जगद्गुरु अगले माह अप्रैल में हरिद्वार कुम्भ मेले में प्रवास करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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