कृषि प्रदर्शनी व संगोष्ठी में फसल विविधीकरण पर जोर, सीड ड्रिल आकर्षण बना

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वाराणसी, 22 जनवरी (हि.स.)। रोहनिया क्षेत्र के जक्खिनी स्थित राजकीय महाविद्यालय परिसर में शुक्रवार को आयोजित कृषि प्रदर्शनी छात्रों के साथ किसानों में भी आकर्षण का केन्द्र रही। प्रदर्शनी और संगोष्ठी में जिला उद्यान अधिकारी वाराणसी संदीप कुमार गुप्त ने पर्यावरण से छेड़छाड़ और अत्यधिक संसाधनों के दोहन पर चिंता जताई। उन्होंने कृषि में हानिकारक रसायनों के अत्यधिक प्रयोग करने से रोकने के लिए किसानों को आगाह किया। उन्होंने दलहनी खेती, फलों और सब्ज़ियों की खेती के साथ जैविक खाद डालने पर जोर दिया। बहुफसली कृषि, पशुपालन, मुर्गीपालन आदि के साथ खेती के नवीनतम आधुनिक तरीकों और फसल विविधीकरण कर किसानों को आय को दोगुना करने का रास्ता भी सुझाया। जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य ने भी किसानों को बहुफसली खेती करने की सलाह दी। बीएचयू के सहायक प्रोफेसर प्रो. कल्याण घडेई और डॉ. वीरेंद्र कमलवंशी ने भी किसानों को खेती किसानी के नवीनतम तकनीक की जानकारी देने के साथ आय बढ़ाने का उपाय भी बताया। गोष्ठी की अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर गुप्ता और गोष्ठी का संचालन डॉ. आभा गुप्ता ने किया। गोष्ठी में डॉ. संतोष सिंह, प्रो अजय वर्मा, प्रो वेद प्रकाश दुबे, डॉ. स्वर्णिम घोष, डॉ. शरद कुमार, प्रो योगेश चंद्र पटेल, डॉ. कैलाश राम, प्रो. संजय भारती, प्रो. शशि प्रभा गौतम आदि भी शामिल हुए। इसके पहले प्रदर्शनी में छात्रों ने मृदा अपक्षयन, जल संरक्षण, बागवानी, कीट नियंत्रण, मुर्गीपालन, पशुपालन, खाद्य व कुटीर उद्योग, सीड ड्रिल आदि का आकर्षक प्रोजेक्ट बना स्टाल लगाया था। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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