Effect of Chief Minister Yogi's decree, Nodal officer leaving 'LTC' sweating the field in severe cold
Effect of Chief Minister Yogi's decree, Nodal officer leaving 'LTC' sweating the field in severe cold

मुख्यमंत्री योगी के फरमान का असर, 'एलटीसी' छोड़कर भीषण ठंड में फील्ड पर पसीना बहा रहे नोडल अफसर

-गन्ना, धान क्रय केन्द्रों और निराश्रित गो आश्रय स्थलों का कर रहे औचक निरीक्षण -किसान हित में मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारियों को दी है जिम्मेदारी लखनऊ, 28 दिसम्बर (हि.स.)। किसानों के हित में धान क्रय केन्द्रों की हकीकत पता करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का असर धरातल पर दिखायी दे रहा है। राजधानी लखनऊ से जनपदों में भेजे गए नोडल अफसर भीषण ठंड में भी सुबह से ही फील्ड पर उतरकर गन्ना एवं धान क्रय केन्द्रों और निराश्रित गो आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। खास बात है कि आम तौर पर साल का अन्त में शासन के तमाम बड़े अफसर नव वर्ष की छुट्टियां मनाने के लिए देश विदेश चले जाते थे। अधिकांश अधिकारी क्रिसमस के मौके पर 25 दिसम्बर से ही छुट्टियां मंजूर करा लेते थे। ऐसे में लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) इसी सप्ताह में खर्च होती थी, लेकिन इस बार नौकरशाही सर्दियों में पसीना बहाते नजर आ रही है। किसान संगठन-नेताओं से वार्ता की भी है जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के निर्देशों के मुताबिक सभी नोडल अधिकारी रविवार से तीन दिनों तक अपने आवंटित जनपद के भ्रमण पर हैं। इस तरह ये सभी 29 दिसम्बर तक जनपदों में मौके पर जाकर मुआयना करेंगे। इनमें अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इन नोडल अफसरों को धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण, धान खरीद की समीक्षा करने के साथ ही किसान संगठन-नेताओं से वार्ता का कार्य सौंपा गया है। वहीं धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण चेक लिस्ट के अनुसार किया जा रहा है। अभी तक की जांच पड़ताल में अधिकांश जगहों पर इंतजाम मिले दुरुस्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशों का असर है कि अभी तक की जांच पड़ताल में अधिकांश जगहों पर इंतजाम दुरुस्त मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गड़बड़ी मिलने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इनमें कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान धान क्रय के सम्बन्ध में शिकायत पाए जाने एवं उनकी पुष्टि होने के बाद सम्बन्धित कर्मचारी के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। वहीं ये नोडल अफसर धरातल पर सरकारी तंत्र द्वारा किसानों से किए जा रहे संवाद का फीडबैक भी ले रहे हैं 30 दिसम्बर तक अपनी रिपोर्ट देंगे अधिकारी प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक सभी नोडल अधिकारियों को अपने भ्रमण की विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट खाद्य एवं रसद विभाग को 30 दिसम्बर तक आवश्यक रूप से उपलब्ध करानी है। इसे कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के वेबसाइट upkkv.in पर भी अपलोड कराना जरूरी है। विभिन्न बिन्दुओं की गहनता से कर रहे जांच प्रवक्ता के मुताबिक चेक लिस्ट में धान क्रय केन्द्र पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की वास्तविक स्थिति, इन नोडल अधिकारियों द्वारा किसानों का डाटा रखे जाने की स्थिति, धान क्रय केन्द्रों के मिल से सम्बद्धीकरण की स्थिति, सम्बद्धीकरण न होने की स्थिति पर जिलाधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई की स्थिति, केन्द्र पर खरीदे गये धान के चावल मिल की प्रेषण की वास्तविक स्थिति, खरीदे गए धान को 14 घण्टे के अंदर मिल को भेजने जैसे बिन्दु शामिल हैं। प्रवक्ता ने बताया कि इस चेक लिस्ट में बैनर प्रदर्शित है या नहीं, बैनर में एमएसपी एवं टोल-फ्री नम्बर का प्रदर्शन है या नहीं, क्रय केन्द्र पर धान की सफाई हेतु विनोई फैन, दो जाली का छलना एवं नमी मापक यंत्र की उपलब्धता, धान से भरे बोरों पर निर्धारित कोड के अंकन की स्थिति, क्रय केन्द्र पर खरीद से सम्बन्धित अभिलेखों की उपलब्धता, क्रय केन्द्र द्वारा किसानों को पीएफएमएस के माध्यम से क्रय के 72 घण्टे के अन्दर कितना भुगतान किया जाना था एवं कितना भुगतान किया गया जैसे बिन्दु भी शामिल हैं। इसके साथ ही चेक लिस्ट में ई-उपार्जन के माध्यम से केन्द्र पर धान खरीद की रियल टाइम इन्ट्री की जा रही है या नहीं, कुछ किसानों के मोबाइल नम्बर प्राप्त करते हुए धान क्रय की वास्तविक स्थिति ज्ञात करना, क्रय केन्द्र पर उपस्थित किसानों के नाम व उनसे वार्ता में प्राप्त शिकायतों, सुझाव, किसी क्षेत्र में किसानों को एमएसपी से कम मूल्य पर धान विक्रय करने हेतु मजबूर नहीं होना पड़ रहा है तथा निरीक्षण के समय अन्य अनियमितता, जो प्रकाश में आयी हो आदि बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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