Due to the abundance of irrigation resources, water is still not reaching the fields
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सिंचाई संसाधनों की भरमार फिर भी खेतों तक नही पहुँच पा रहा पानी

अनशन, प्रदर्शन, चुनाव बहिष्कार के बाद भी नहीं चेते अधिकारी मीरजापुर, 10 जनवरी (हि.स.)। सवा लाख आबादी वाले पहाड़ी विकास खण्ड में शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते सिंचाई संसाधनों की भरमार के बावजूद मरम्मत व रख रख्खाव के अभाव में सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। सिंचाई संसाधनों की बात करें तो यहां ढेकवा बांध, हिनौती बांध, अपर खजुरी और जमथुआ बांध से निकली एक दर्जन से अधिक नहर व माइनरों के साथ ही साथ चार पम्प कैनाल, 24 राजकीय नलकूप लगवाये गये हैं। फिर भी मरम्मत व देख रेख न होने से यहाँ के किसान पहले जहां हजारों टन धान व गेहूँ की पैदावार करते थे। आज वे पानी के अभाव में प्रकृति के सहारे खेती करने को विवश है। एक दशक से यहाँ के किसान सिंचाई संसाधनों को पटरी पर लाने के लिये अनशन-प्रदर्शन के साथ ही विभागीय अधिकारी, जिलाधिकारी, सांसद व विधायक का ध्यान समय समय पर बार बार आकृष्ट कराते रहे। इसके बावजूद पहल न होने से यहां के अन्नदाता काफी दुखी व परेशान है। सिंचाई संसाधनों की भरमार क्षेत्र में गंगा नदी में रामनगर सीकरी , कनौरा , कठनई , सिंधोरा में कुल चार पम्प कैनाल है इसके अलावा पैड़ापुर ,भगेसर ,कातोपुर, देवाहि , रानीचौकिया , चौहानपट्टी , छितमपट्टी , अकसौली आदि गांवो में कुल 24 राजकीय नलकूप के अलावा हिनौती बांध , ढेकवा बांध, अपर खजुरी, जमथुआ बांध से निकली एक दर्जन से अधिक नहर होने के बावजूद मरम्मत व देखरेख के कमी के चलते कहि नहरों के छतिग्रस्त होना बोर के भ्रष्ट होने तथा मशीन के तकनीकी गड़बड़ी के चलते किसानों के खेतों तक पानी नही पहुँच पा रहा है। क्या कहते हैं किसान कठीनई गांव के किसान राकेश पाण्डेय , अनिल कुमार , पंकज श्रीवास्तव, जित्तू पाल, अनिल कुमार , मुन्ना पाण्डेय वही सरैया लिफ्ट पम्प कैनाल से सम्बद्ध किसान रामबली सिंह , कृपाशंकर पटेल, रामलाल पटेल, रामबिलास पटेल तथा कनौरा लिफ्ट कैनाल से जुड़े कनौरा गांव निवासी परमानन्द तिवारी, राधेश्याम सिंह, सुधाकर तिवारी, मुलायम यादव तथा रामनगर सीकरी पम्प कैनाल से सम्बद्ध पूर्व प्रधान धीरेंद्र कुमार सिंह, अनिल सिंह, इंद्रजीत सिंह व प्रधान राजकपूर आदि किसानों की बात माने तो लिफ्ट कैनालो कि स्थिति काफी खराब है। कैनाल बना शो-पीस कही मशीन का स्टार्टर तो कही मशीन की गड़बड़ी व बिजली के अभाव में लिफ्ट कैनाल महज शो पीस साबित हो रहे हैै। किसान सरकारी संसाधनों का सहारा छोड़ निजी पम्प सेट लगवा रहे है। जब कि गरीब किसान प्रकृति के सहारे खेती करने को विवस हैं।कमोवेश यही हाल 24 राजकीय नलकूपों की है। इससे जुड़े किसान पूर्व ब्लाक प्रमुख भोलानाथ तिवारी, पकौड़ी मिश्रा अर्जुन सिंह पटेल, रमेश पाण्डेय, विंध्यवासिनी शुक्ला, जवाहिर प्रसाद दुबे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजबली दुबे ने बताया कि जब राजकीय नलकूप के पानी से काफी खुशहाल थे, लेकिन वर्तमान समय मे सिंचाई संसाधन महज शोपीस साबित हो रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर-hindusthansamachar.in

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