जैविक खेती किसान के हित में, आय भी अधिक और हानि रहित : जिला गन्नाधिकारी
जैविक खेती किसान के हित में, आय भी अधिक और हानि रहित : जिला गन्नाधिकारी

जैविक खेती किसान के हित में, आय भी अधिक और हानि रहित : जिला गन्नाधिकारी

मुजफ्फरनगर, 06 जुलाई (हि.स.)। जिला गन्नाधिकारी डा.आरडी द्विवेदी ने भौराखुर्द के गन्ना सर्वे निरीक्षण के दौरान ग्राम के प्रगतिशील कृषक विकास बालियान की गन्ने की जैविक खेती को देखा। किसान ने गन्ने में सह फसल के रूप में लौकी, तोरी और भिंडी को उगाया है। किसान ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके परिवार में पत्नी को गंभीर बीमारी थी। इसलिए उनके मन में यह प्रेरणा जगी कि उनके पत्नी की बीमारी में एक कारक खेती में प्रयोग किये जा रहे कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक भी हैं। तभी से उन्होंने खेती में इन रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक रसायनों के बजाय जैविक विधि से फसल उगानी शुरू कर दी। किसान ने बताया कि पहले तो गांव के अन्य किसानों ने उनका उपहास किया किन्तु अब वे लोग भी समझ चुके हैं कि जैविक खेती से उत्पादित फसल की महत्ता क्या है। जिला गन्नाधिकारी ने बताया कि जैविक विधि से जो गन्ना खेत में खड़ा है उसकी पैदावार थोड़ी कम अवश्य हैं किंतु उसकी वैल्यू ज्यादा है। किसान ने बताया कि इस गन्ने का जैविक गुड़ बनाया जाता है। इससे उन्हें अच्छी आय हो रही है। इसी प्रकार उन्हें गन्ने की सहफसली के रूप में लगाये गए जैविक लौकी और तोरी के अच्छे दाम मिल जा रहे हैं। लोग खेत से ही खरीद कर ले जा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / राजेन्द्र कौशिक-hindusthansamachar.in

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