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जीवित या मृत का विवाद : अजय अस्पताल में भर्ती के कारण नहीं हो सके पेश

26 फरवरी को पेश करने का निर्देश प्रयागराज, 19 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमरनाथ झा मार्ग जार्ज टाउन प्रयागराज के निवासी वयोवृद्ध अजय यशवंत नेहरू को पासपोर्ट या अन्य पहचान पत्र के साथ 26 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित करने का निर्देश दिया है। 18 फरवरी को अस्पताल मे भर्ती होने के कारण पुलिस उन्हें पेश नहीं कर सकी। सुरक्षा कारण से नहीं बताया गया कि किस अस्पताल मे वह भर्ती किये गये हैं। जबकि दूसरा पक्ष कह रहा कि उनकी मौत तीन साल पहले ही हो चुकी है। करोड़ों की जमीन हड़पने का खेल खेला जा रहा है। फिलहाल कोर्ट ने याची नेहरू को हाजिर करने का एक मौका और दे दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने अजय यशवंत नेहरू की याचिका पर दिया है। आरोप है कि नेहरू 2016 मे मर चुके हैं और इनके फर्जी पहचान पत्र से खाता खोला गया है। जबकि याची के वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा का कहना है कि वह जीवित हैं। वृद्ध व बीमार है। कोर्ट चाहे तो आ सकते है। उनकी करोड़ों की जमीन को लेकर भ्रम फैलाया गया है। कुछ लोग जमीन हथियाना चाहते हैं। एक एनआरआई विश्व प्रकाश श्रीवास्तव ने नेहरू से इसी जमीन बंगला नं 52/38 का बैनामा करा लिया है। अपनी जमीन बेचने को प्रयागराज में है। मामला कोर्ट मे है। सवाल है कि नेहरू वास्तव मे जिंदा है या मर चुके हैं। याची अधिवक्ता का दावा है कि वे बीमार हैं व हालत खराब है। अस्पताल में भर्ती हैं, अगले शुक्रवार को पेश होंगे। कोर्ट ने इससे पहले जार्जटाउन पुलिस को सुरक्षा के साथ याची को पेश करने का आदेश दिया था। किन्तु हालत गंभीर होने के कारण पेश नहीं हो सके। याचिका की सुनवाई 26 फरवरी को होगी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/विद्या कान्त

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