कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश सिंह की सदस्यता बरकरार, कांग्रेस जाएगी कोर्ट
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश सिंह की सदस्यता बरकरार, कांग्रेस जाएगी कोर्ट

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश सिंह की सदस्यता बरकरार, कांग्रेस जाएगी कोर्ट

रायबरेली, 27 जुलाई (हि.स.)। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह को राहत देते हुए विधान परिषद अध्यक्ष ने सोमवार को एक आदेश में उनकी सदस्यता को बरकरार रखा है और एमएलसी की सदस्यता के खिलाफ़ कांग्रेस की याचिका को पोषणीय न मानते हुए निरस्त कर दिया है। इसके पहले भी रायबरेली के दो बागी विधायकों की सदस्यता मामले में कांग्रेस को कोई राहत नही मिली थी। कांग्रेस ने अब इस फ़ैसले के खिलाफ़ कोर्ट में जाने का निर्णय लिया है। दरअसल कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने 4 मई 2018 को रायबरेली से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ विधान परिषद के अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दी थी, जिसमें मांग की गई थी कि 1987 के नियम-7(1) (दल परिवर्तन के आधार पर निर्हता) कानून सुनवाई करते हुए इनकी सदस्यता रद्द की जाय। याचिका में कहा गया था कि दल बदल के लिये दो तिहाई संख्या बल जरूरी है।जबकि कांग्रेस के दो सदस्यों में अकेले यानी आधे ही ने दल बदला है। सोमवार को याचिका की सुनवाई करते हुए विधान परिषद अध्यक्ष रमेश यादव ने आदेश दिया कि दिनेश सिंह की सदस्यता बरकरार रहेगी। उन्होंने कांग्रेस की याचिका को पोषणीय न मानते हुए निरस्त भी कर दिया। इस आदेश से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। उल्लेखनीय है कि एमएलसी दिनेश सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे और उन्होंने सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। कभी कांग्रेस हाईकमान के काफी नजदीक रहे दिनेश सिंह अब रायबरेली में भाजपा का प्रमुख चेहरा बने हुए हैं। दो बागी विधायको की भी सदस्यता है बरकरार रायबरेली से कांग्रेस के ख़िलाफ़ झंडा बुलंद करने वाले दो विधायकों अदिति सिंह व राकेश सिंह की भी सदस्यता एक आदेश में बरकरार रखा गया है। इन विधायकों की सदस्यता के खिलाफ दाख़िल याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने 13 जुलाई को याचिका खारिज कर दी थी और दोनों विधायकों की सदस्यता बरकरार रखने का आदेश दिया था। इस मामले में कांग्रेस की विधान मंडल दल की नेता आरधना मिश्रा ने पहले ही हाईकोर्ट में इनके खिलाफ़ याचिका दी थी, जिसमें आदेश हुआ था कि 16 जुलाई तक इन विधायकों की सदस्यता पर निर्णय लिया जाय। अब विधान सभा अध्यक्ष के फ़ैसले के बाद कांग्रेस ने दुबारा हाईकोर्ट की शरण लेने का निर्णय लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश/दीपक-hindusthansamachar.in

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