denial-of-gratuity-to-deceased-teacher39s-husband-for-not-giving-retirement-option-wrong
denial-of-gratuity-to-deceased-teacher39s-husband-for-not-giving-retirement-option-wrong

सेवानिवृत्ति विकल्प न देने पर मृत टीचर के पति को ग्रेच्युटी देने से इन्कार करना गलत

आठ फीसदी ब्याज सहित भुगतान का निर्देश प्रयागराज, 22 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति विकल्प न देने के कारण ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार करने के बीएसए अलीगढ़ के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अर्जी की तिथि से भुगतान करने तक 8 फीसदी ब्याज सहित तीन माह मे ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कहा है कि निर्णय लेते समय इसको अनदेखा किया जाय कि याची की पत्नी ने विकल्प दिया था या नहीं। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने प्रदीप कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि याची की पत्नी विश्वम्भर सहाय आर्य कन्या विद्यालय कजीमाबाद में सहायक अध्यापिका थी। सेवारत रहते हुए उनकी मृत्यु हो गयी। बीएसए अलीगढ़ ने यह कहते हुए ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार कर दिया कि याची की पत्नी ने सेवारत रहते 60 साल में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं दिया था, ऐसे में याची अपनी पत्नी की ग्रेच्युटी पाने का हकदार नहीं है और अर्जी खारिज कर दी। जिसे चुनौती दी गयी थी। याची अधिवक्ता का कहना था कि ऐसे ही उषारानी केस में कोर्ट ने ग्रेच्युटी पाने का हकदार करार दिया है। जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in