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जीएसटी में सरलीकरण की मांग, व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

-ई-वे बिल के नियमों को लेकर नाराजगी,व्यापारियों को राहत प्रदान दे सरकार वाराणसी, 22 फरवरी (हि.स.)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी ) में सरलीकरण और कारपोरेट घरानों से हटकर छोटे व्यापारियों के लिए इसे सरल बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सोमवार को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ( कंछल गुट ) से जुड़े व्यापारियों ने खाद्य मंडी विशेश्वरगंज में जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल व्यापारी संगठन के वाराणसी मंडल अध्यक्ष विजय कपूर एवं मंडल महासचिव मुकेश जायसवाल ने जीएसटी के सरलीकरण की आवाज उठाई। व्यापारी नेताओं ने कहा कि जीएसटी को आए लगभग 3 साल हो गए और इन 3 सालों में इसमें एक हजार से ज्यादा बार बदलाव हुआ, जिसका पता शायद सरकार को भी नहीं होगा। बदलाव पर बदलाव फाइल का अंबार लगता जा रहा है। इससे व्यापारियों को भी राहत नहीं मिल रही। लॉकडाउन के बाद बाजार को गति देने के लिए सरकार भले ही पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने की दिशा में कारगर कदम उठा रही है। मगर जीएसटी में ई-वे बिल सहित अनेक अव्यवहारिक प्राविधानों ने उद्योग व्यापार जगत को संकट में डाल दिया है। व्यापारी नेताओं ने कहा कि व्यापारी वर्ग परेशान है। ई-वे बिल के नियमों को लेकर व्यापारियों ने कहा कि इसमें 200 फ़ीसदी पेनाल्टी का प्रावधान हो गया है। साथ ही राशि न देने पर माल बेचकर राशि वसूलने का नियम भी रखा गया है। नए नियम के मुताबिक किसी भी सामान को 24 घंटे में 200 किलोमीटर तक पहुंचाना है। पहले यह 100 किलोमीटर था। ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि संभवत कभी-कभी रास्ते में गाड़ी खराब हो जाती है, ड्राइवर अस्वस्थ हो जाता है, धरना-प्रदर्शन या रोड जाम के कारण घंटों गाड़ी जाम में फंसी रह जाती है। ऐसी स्थिति में 24 घंटे के अंदर 200 किलोमीटर का मानक पूरा ना होने के कारण उनके ऊपर कार्यवाही की फांस तनने की संभावना बनी रहती है। इन विषम परिस्थितियों को देखते हुए सरकार जीएसटी में सरलीकरण करके व्यापारियों को राहत प्रदान करें। प्रदर्शन में अनिल केसरी, राजेश केसरी, अशोक गुप्ता, प्रदीप गुप्ता आदि शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक

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