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दीनदयाल उपाध्याय की प्रासंगिकता भारत ही नहीं विश्व मानवता भी करती है अंगीकारः योगी आदित्यनाथ

दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय-एकात्म मानव दर्शन से प्रेरणा लेकर प्रत्येक तबके तक योजनाओं को पहुंचा रही केन्द्र-प्रदेश सरकार लखनऊ, 11 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रासंगिकता केवल भारत ही नहीं विश्व मानवता भी स्वीकार करती है और उसे अंगीकार करती है। आज से 53 वर्ष पूर्व आज ही के दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय अपने भौतिक काया को छोड़कर हम से अलग हुए थे। लेकिन, उनके विचार दर्शन निरन्तर भाजपा और समाज को अनुप्रेरित करते रहते हैं। आज उसी का परिणाम है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय और एकात्म मानव दर्शन से प्रेरणा प्राप्त करके आज केन्द्र और प्रदेश सरकार समाज के प्रत्येक तबके तक विकास की योजनाओं को पहुंचाने के बारे में सोच पा रही है और कार्य कर पा रही है। इसके प्रेरणा स्त्रोत्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय ही हैं। मुख्यमंत्री योगी गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की राजनीति में गांव, गरीब, किसान, नौजवान और समाज के प्रत्येक तबके के बारे में एक स्पष्ट और पारदर्शी सोच को स्थापित करने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर मैं प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले लोगों ने सोचा भी नहीं होगा कि वास्तव में कोई राजनीतिक दल ऐसा भी होगा कि जो केवल बोलने में नहीं बल्कि जो बोला जाए उसका ईमानदारी पूर्वक क्रियान्वयन भी हो सके, इसको ध्यान में रखते हुए अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि और यही हुआ है 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस देश की कमान संभाली, तो लोगों को लगता था मोदी जी आएंगे तो पता नहीं क्या हो जाएगा, देश के अंदर कैसी स्थिति पैदा हो जाएगी। लेकिन, उस समय प्रधानमंत्री मोदी का जो पहला वक्तव्य उसमें उन्होंने कहा कि मैं इस देश के लिए गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, और समाज के प्रत्येक तबके के हितों के लिए ईमानदारी पूर्वक कार्य करूंगा और शासन की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाउंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को जो बात कही, आज उनके द्वारा लागू की गई योजनाओं के माध्यम से वह देखने समझने और सुनने को मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई सोच नहीं सकता था कि भारत जैसे देश में छह वर्ष के अंदर दो करोड़ लोगों का आवास मिल जाएगा, 10 करोड़ लोगों को शौचालय मिल जाएगा, 08 करोड लोगों को रसोई गैस के सिलेंडर मिल पाएंगे, 12 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल पाएगा, 35 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खुल पाएंगे, देश की आधी आबादी पांच लाख रुपये से सालाना स्वास्थ्य बीमा का कवर का लाभ ले पाएगी। इसके साथ ही हर घर तक शुद्ध पेयजल पेयजल की आपूर्ति के लक्ष्य करके जल जीवन मिशन लागू हो पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से लेकर 2014 तक यह केवल सपना था। लेकिन, 2014 के बाद हमने इन आंखों से इसे हकीकत में बदलते हुए देखा है। यह हकीकत जिस तरह से आज व्यवहारिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी धरातल पर उतार रहे हैं, उसकी प्रेरणा के असली स्त्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच और दर्शन है, जिसमें उन्होंने समाज के प्रत्येक तबके के लिए विचार व्यक्त किया था। भारतीय जनसंघ कैसे काम करेगा, भारत की आर्थिक नीतियां किस पर केंद्रित होनी चाहिए। भारत के अंदर हम किस प्रकार की व्यवस्था से सर्वांगीण विकास कर पाएंगे, यह सभी भाव उसमें स्पष्ट देखने को मिलते थे। यही कारण है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रासंगिकता केवल भारत ही नहीं विश्व मानवता भी स्वीकार करती है और उसे अंगीकार करती है। उन्होंने कहा कि हर एक क्षेत्र में आज अगर भारतीय जनता पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ी है और भाजपा दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरी है तो अपनी स्पष्टवादिता, अपने कैडरबेस कार्यकर्ताओं के बल पर तथा अपने नेतृत्व की एक स्वच्छ छवि, स्पष्ट विचारधारा और बिना भेदभाव के शासन का योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के कारण ऐसा हो पाया है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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