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सड़क दुर्घटनाओं को कम करके रोके जा सकते हैं मौतों के आंकड़े: योगी आदित्यनाथ

-मुख्यमंत्री 'सड़क सुरक्षा माह' का किया शुभारम्भ, दिलाई शपथ -परिवहन विभाग की 55.70 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण-शिलान्यास लखनऊ, 21 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है, यह हम प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों के आंकड़ो से अंदाजा लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन 65 मौतें सड़क दुर्घटना में होती हैं और अगर पूरे प्रदेश के वर्ष भर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखें तो बहुत बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि मौतों के आंकड़े सड़क दुर्घटनाओं को कम करके रोके जा सकते हैं। हादसों में कमी से इनकी संख्या काफी नियंत्रित की जा सकती है। तमाम परिवारों को उजड़ने से बचाया जा सकता है, बच्चों को अनाथ होने से भी रोका जा सकता है। मुख्यमंत्री गुरुवार को 'सड़क सुरक्षा माह' का शुभारम्भ करने के दौरान बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई और कार रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर परिवहन विभाग की 55.70 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण—शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि थोड़ा प्रयास हर एक स्तर पर होना है और थोड़े प्रयास के लिए ही अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से सड़क सुरक्षा का यह माह आज से प्रारंभ हो रहा है, जो 20 फरवरी 2021 तक अनवरत अलग-अलग कार्यक्रमों के साथ न केवल राजधानी लखनऊ बल्कि प्रदेश के प्रत्येक जनपदों में चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय इस पूरे कार्यक्रम में बेहद महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा का काम केवल ट्रैफिक पुलिस का नहीं है। या केवल पुलिस विभाग या परिवहन विभाग तक ही सीमित नहीं है। इसमें सड़क से जुड़े हुए विभाग भी भागीदार हैं। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े हुए विभाग इसके साथ सहभागी हैं। स्कूल और कॉलेज में जागरूकता का एक विशेष अभियान चले, यह भी इसके लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हर चौराहे पर पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से जागरूकता का विशेष कार्यक्रम हम प्रारम्भ कर सकें, यह भी इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह उसी क्रम का एक हिस्सा बनाने का प्रयास हम लोगों ने किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी सड़क दुर्घटनाओं के कारक के बारे में जानते हैं। इसमें पिछले तीन साढ़े तीन वर्षों के अंदर हम लोगों ने काफी प्रयास किया है। अगर हम 2018—2019 की तुलना में 2019 2020 की स्थिति में को देखें तो सड़क दुर्घटनाओं में कुछ नियंत्रण हुआ। इसी तरह 2019—2020 और 2020—2021 के आंकड़ों को देखेंगे तो उसमें भी काफी अंतर दिखाई देता है। लेकिन, इसमें बहुत कुछ किया जाना है और बहुत कुछ करने की दृष्टि से सड़क इंजीनियरिंग में अगर कहीं कोई कमी है, तो उस कमी को दूर करने का कार्य किया जाएगा। सड़क निर्माण से सम्बन्धित संस्थाएं जैसे लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आदि इन कमियों को दूर करते हुए उन ब्लैक स्पॉट को चिह्नित करते हुए, जो दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील हैं, वहां कमियों को दूर करेंगे। जिनके कारण वहां अक्सर दुर्घटनाएं हुआ करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क के नियमों का पालन नहीं करने के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं। गलत दिशा में जाना, यह जानते हुए भी यह सड़क अधिक गति के साथ वाहन चलाने के लिहाज से सुरक्षित नहीं है, इसके बावजूद तेज गति के साथ वाहन चलाना दुर्घटना का कारण बनता है। इसी तरह किसी हाईवे, एक्सप्रेसवे पर अवैध रूप से बनाए गए कट भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। कई बार गति इतनी अधिक होती है कि अचानक वाहन मोड़ने की स्थिति में गाड़ी पलटने के कारण भी दुर्घटना होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य जीवन में भी अगर देखा जाए तो शराब पीकर गाड़ी चलाना, वाहन चलाते समय समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना या मोबाइल पर मैसेज चेक करने का प्रयास करना, चार पहिया वाहन में बिना सीट बेल्ट के बैठना जैसे कई ऐसे छोटे-छोटे कारण है कि अनदेखी करने का दुष्परिणाम दुर्घटना के रूप में सामने आता है और उसकी कीमत समाज और परिवारों को चुकानी पड़ती है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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