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सहायक प्रोफेसर भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी पर कोर्ट ने आयोग से तलब किया ब्यौरा

प्रयागराज, 23 जनवरी (हि.स.)। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 47 के तहत आयोजित सहायक प्रोफेसर भर्ती 2016 में चयन सूची बनाने में आरक्षण प्रावधानों की अनदेखी करने पर हाईकोर्ट ने चयन सूची तथा अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों का ब्यौरा तलब कर लिया है। कोर्ट ने आयोग से जवाब मांगा है। याचिका दाखिल कर कहा गया है कि आयोग ने जिन सामान्य वर्ग की महिला अभ्यर्थियों के अंक पुरुष अभ्यर्थियों से अधिक थे, उनको भी सामान्य वर्ग की महिला सूची में रख दिया है। इससे कम अंक पाने वाली महिला अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका। मोनिका गुप्ता व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह सुनवाई कर रहे हैं। याचीगण का पक्ष रख रहे अधिवक्ता का कहना था कि आयोग द्वारा 23 अक्टूबर 20 को जारी चयन सूची में सामान्य वर्ग में 28 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इनमें से 23 अभ्यर्थी ऐसी हैं जिनकी कट ऑफ मेरिट अंतिम चयनित पुरुष अभ्यर्थी से अधिक है। नियमानुसार इन महिलाओं को सामान्य मेरिट लिस्ट में स्थान मिलना चाहिए। मगर आयोग ने सभी चयनित महिला अभ्यर्थियों को महिलाओं के लिए आरक्षित सूची में रख दिया। इससे याचीगण को वेटिंग लिस्ट में जाना पड़ा। यदि अधिक अंक पाने वाली महिलाओं को सामान्य मेरिट में रखा जाए तो याचीगण का चयन महिलाओं की मेरिट लिस्ट में हो सकता है। अधिवक्ता का कहना था कि चयन प्रक्रिया में दो मेरिट लिस्ट बनाने का नियम है इनमें से एक सामान्य लिस्ट और दूसरी सिर्फ महिलाओं की लिस्ट होगी। अधिक मेरिट वाली महिला अभ्यर्थी भी सामान्य लिस्ट में ही शामिल की जाएंगी। मगर आयोग ने इस नियम की अनदेखी कर सभी महिला अभ्यर्थियों को सिर्फ महिलाओं की मेरिट लिस्ट में डाल दिया। कोर्ट उच्चतर शिक्षा आयोग को मूल मेरिट लिस्ट और महिलाओं की सूची तथा अभ्यर्थियों को मिले अंकों की सूची चार फरवरी को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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