उम्र के अनुसार बच्चों का सही वजन जरूरी
हाथरस, 17 जून (हि.स.)। जनपद में गुरूवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन सप्ताह का आरम्भ हुआ। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा 17 जून से 24 जून तक मनाए जा रहे सप्ताह का मकसद कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का वजन कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए किया गया। सीडीपीओ राहुल वर्मा ने बताया कि कुपोषण का पता लगाने की चल रही कोशिश लगातार जारी है। इस क्रम में कुपोषित बच्चों की हकीकत जानने के लिए सप्ताह मनाया जा रहा है। 17 से 24 जून के मध्य वजन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कुपोषण से ग्रसित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियों एंव उनसे होने वाली मृत्यु का खतरा अधिक बढ़ जाता है। कुपोषण सबसे गंभीर श्रेणी में सैम, मैम, गंभीर अल्प वजन के बच्चे आते है। उन्होने कहा कि यदि किसी बच्चें का वजन उसकी आयु के मानक से कम होता है तो उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाता है। उसे चिकित्सक के पास भेजकर उपचार कराया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता रेनू रावत ने बताया कि उम्र के अनुसार बच्चों का सही वजन जरुरी होता है। सही वजन बच्चों को स्वस्थ रखने के अलावा बीमारियों से दूर रखता है। वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने कहा कि वजन सप्ताह के समापन के बाद जिले में कुपोषण की रोकथाम के लिए विशेष अभियान 'संभव-पोषण संवर्धन की ओर एक कदम’ का आयोजन एक जुलाई से होगा। इस दौरान वजन सप्ताह में चिन्हित किए गए बच्चों के लिए सामुदायिक गतिविधियां- साप्ताहिक गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सीय उपचार, पोषण पुनर्वास केंद्र अथवा चिकित्सा इकाई में संदर्भन आदि का आयोजन होगा। अपने बच्चे नित्या का वजन कराने आई राखी ने बताया कि यहां उन्हें बच्चें की लम्बाई और वजन से सम्बंधित जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें बताया गया कि बच्चे को खाने में कब क्या देना है। इस बारे में जानकारी दी गई। सैम क्या है ? "सैम" कुपोषण की गंभीर चिकित्सीय अवस्था है। इनको चिकित्सीय उपचार की आवश्यकता होती है। इसके कारण बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियां एवं उनसे होने वाली मृत्यु का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रिल