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कोरोना संकट गहराया, ध्वस्त व्यवस्था पर भाजयुमो नेता ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

-सोशल मीडिया के जरिये लोग पीड़ितों की तस्वीर लगाकर मदद की लगा रहे गुहार वाराणसी, 18 अप्रैल (हि.स.)। वाराणसी में कोरोना के विकराल रूप लेने के कारण ध्वस्त हो चुकी चिकित्सा व्यवस्था,अस्पतालों में बेड और आक्सीजन के संकट को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। दर्जनों लोग व्यवस्था से निराश जीवन के आस में सोशल मीडिया के जरिये अपने संक्रमित परिजनों की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अब सीधे कातर गुहार लगा रहे हैं। कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों की गुहार से द्रवित भारतीय जनता युवा मोर्चा,काशी के कार्यकर्ता डॉ अरूण चौबे ने भी रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये भाजयुमो नेता ने बनारस के हालात की जानकारी देकर अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड, दवा आदि की त्वरित व्यवस्था कराने की मांग की है। चौबे ने पत्र के जरिये प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि बनारस को बचा लीजिए, प्रदेश, देश का भविष्य आपके हाथों में है। चुनाव तो आते जाते रहेंगे। उम्मीदें सिर्फ आपसे ही है। पत्र में चौबे ने 'रोटी बैंक' के संस्थापक किशोर कांत तिवारी, बीएचयू के शोध छात्र अभय जायसवाल, भूगोल विभाग के मेधावी प्रोफेसर के मौत के बारे में बताते हुए हालात का उदाहरण के साथ जिक्र किया है। चौबे ने लिखा है कि युवा पीढ़ी को तड़प कर मरते हुए देखना हृदय विदारक है। जिले के अस्पतालों में बेड का अभाव है, वेंटिलेटर नहीं मिल रहे, उपर से कुछ डॉक्टरों का अमानवीय व्यवहार स्थिति को और गम्भीर बना रहा है, शव दाह के लिए लाशों की कतार लगी हुई है। ऐसे हालात में जिले के खाली पड़े बैंक्वेट हॉल व लॉन को तत्काल मिशन मोड में कोविड अस्पताल में बदलने की जरूरत है। लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाकर पंचायत चुनाव को जनहित में तत्काल स्थगित कराये। उधर, बीएचयू के ही छात्र शुभम तिवारी ने सोशल मीडिया के जरिये वाराणसी में कोरोना संकट को लेकर सवाल किया है। शुभम ने पूछा है कि मोदी जी हम क्या करें,आप कहां है। छात्र ने पिछले साल कोरोना काल में प्रधानमंत्री के आह्वान पर थाली और ताली बजाने का वीडियो लाकर प्रधानमंत्री को याद किया है। इसी तरह बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय नाथ मिश्र ने ट्वीट कर कहा है कि विश्वविद्यालय में कई वार्ड ऐसे भी हैं, जहां नये-नये आक्सीजन पोर्ट लगे, एक साल से अधिक हो गये पर उनका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ। ये कब काम आयेंगे। इसे आमजन के लिए खोल देना चाहिए। सड़क पर लोग तड़प रहे हैं। यही इस वक्त की देश सेवा है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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