cooperation-of-village-heads-and-citizens-will-be-taken-to-make-plants-trees
cooperation-of-village-heads-and-citizens-will-be-taken-to-make-plants-trees

पौधों को पेड़ बनाने के लिए लिया जाएगा ग्राम प्रधानों व नागरिकों का सहयोग

-उद्यान विभाग लगाएगा 32 हजार पौधे गाजियाबाद, 14 जून(हि.स.)। पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने की नियत से वर्षा ऋतु में प्रदेश में हर साल करोड़ों की संख्या में पौधे लगाए जाते हैं। लेकिन देखभाल के अभाव में काफी संख्या में यह पेड़ नहीं बन पाते और पौधे के रूप में ही नष्ट हो जाते हैं। इस बर्बादी से बचने के लिए और ज्यादा से ज्यादा पौधों का संरक्षण करने के जिले के उद्यान विभाग ने प्लानिंग की है। इस बार उद्यान विभाग ने गाजियाबाद जिले में पौधारोपण के लिए 4 ब्लॉकों के 16 गांवों को चिन्हित किया है। खास बात यह है कि पौधारोपण के बाद पौधों का संरक्षण और देखभाल की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों व अन्य जागरूक लोगों को सौंपी जाएगी ताकि पौधारोपण होने के बाद ज्यादा से ज्यादा संख्या में पौधे पेड़ बने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिल सके। जिला उद्यान अधिकारी कुमारी निधि ने बताया कि गाजियाबाद जिले में इस साल शासन ने उद्यान विभाग को 32 हजार 575 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है। जबकि गाजियाबाद के उद्यान विभाग के पास करीब 78 हजार पौधे की क्षमता है। उन्होंने बताया कि बाकी पौधे या तो जनता को बांटे जाएंगे या किसी अन्य संबंधित विभाग की डिमांड को पूरा किया जाएगा। निधि ने बताया कि गाजियाबाद में उद्यान विभाग की दो नर्सरी हैं। जिनमें एक कवि नगर आई ब्लॉक में, दूसरी मोदीपुरम में है। उन्होंने बताया कि इस बार छायादार व फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। खास तौर पर इसमें औषधीय पौधा सहजन को ज्यादा से ज्यादा लगाने पर जोर रहेगा।पौधारोपण के लिए भोजपुर, राजापुर, मुरादनगर व लोनी ब्लॉक के 16 गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों में सिरोरा, सलेमपुर, भनेड़ा, निस्तौली, असलतपुर, मिलक, रावली, रावली कला, सुराना, मोहम्मदपुर, सुजानपुर, हमीरपुर, वडाला, दौसा बंजरपुर, सीकरी कला, नगला फिरोजपुर मोहन और सादात नगर इकला शामिल है। कुमारी निधि ने बताया कि पौधों को संरक्षण के लिए कार्य योजना बनाई गई है। पौधों के संरक्षण के लिए ग्राम प्रधानों व जागरूक नागरिकों को सीधा जोड़ा जाएगा, ताकि वह पौधों के संरक्षण करने में मदद कर सके। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in