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14 वर्ष बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण अधूरा

- दो बार धन अवमुक्त होने के बाद भी पूरा नहीं हो सका सीएचसी का निर्माण कार्य मीरजापुर, 28 मई (हि.स.)। 70 हजार की आबादी वाले सीखड़ क्षेत्र को अब भी सीएचसी जैसे सुविधाओं का इंतजार है। इलाज के लिए लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीखड़ व उप स्वास्थ्य केंद्र मगरहां का चक्कर लगाना पड़ता है। बगहां में बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण यदि समय से पूरा हो गया होता तो कोरोना संक्रमण के दौर में क्षेत्रीय लोगों को घर से नजदीक चिकित्सा सुविधा मुहैया होती। विगत 14 वर्षों से 30 बेड वाले सीएचसी का निर्माण समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी अब तक पूरा नहीं हो सका। क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए 2007 में 3.85 करोड़ की लागत से बनने वाले सीएचसी का निर्माण बगहां में प्रारंभ कराया गया। इसमें मुख्य भवन के साथ ही चिकित्सक आवास, स्टॉफ आवास, चहारदीवारी व पानी टंकी का निर्माण कराया जाना था। निर्माण कार्य में देर होने की वजह से लागत में वृद्धि हुई तो 1.04 करोड़ की राशि दोबारा अवमुक्त की गई। इसके बावजूद 60 से 70 प्रतिशत ही कार्य किया जा सका। सीएचसी निर्माण की समय-सीमा तीन वर्ष थी। समय-सीमा बीतने के बाद से ही निर्माण कार्य ठप है। मुख्य भवन में लगे लोहे के फ्रेम जंग खा रहे हैं। भवन का प्लास्टर जगह-जगह उखड़ गया है। कोरोना काल में प्रदेश सरकार का आदेश है कि हर जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी को दुरस्त रखा जाए। मुख्यमंत्री योगी ने तो यहां तक बोल दिया है कि सांसद और विधायक एक-एक सीएचसी-पीएचसी को गोद लें और उसका विकास करें। इससे सीखड़ क्षेत्र के वासियों को उम्मीद है कि जल्द ही सीएचसी का निर्माण होगा। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत आवश्यकता मुहैया कराने के लिए करोड़ों खर्च के बाद भी भ्रष्टाचार का शिकार बगहां सीएचसी प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। चुनार विधायक अनुराग सिंह ने कहा कि कार्यदायी संस्था की लापरवाही से सीएचसी का निर्माण समय नहीं हो सका। कार्य में लापरवाही पर कार्यदायी संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुका है। यह प्रकरण विधानसभा में भी उठाया था। सीएचसी का निर्माण जल्द पूरा हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र निर्माण का आश्वासन दिया है। शासन से पुन: बजट आते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। झोलाछाप के भरोसे जनता तो भगवान भरोसे सरकारी अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीखड़ को छाेड़कर आगे बढ़ेंगे तो मगरहां में केवल उप स्वास्थ्य केंद्र है। किसी को सिस्टम चलाने वाले अधिकारी की जरूरत है तो कहीं संसाधानों का टोटा है। मगर स्वास्थ्य विभाग इस पर बिल्कुल गंभीर नहीं है। नतीजा यह है कि झोलाछाप के भरोसे जनता चल रही है और भगवान भरोसे सरकारी अस्पताल। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर

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