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वाणिज्य कर विभाग में तीन हजार पद समाप्ति की साजिश, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील

-राज्य कर्मचारी महासंघ का आरोप, कर चोर माफिया और कुछ अधिकारी रच रहे साजिश लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कतिपय कर चोर माफिया और विभाग के कुछ अधिकारियों पर आरोप है कि इन लोगों ने साजिश रच कर एक ऐसा प्रस्ताव शासन को भेजा है जिससे वाणिज्य कर विभाग के लगभग तीन हजार पद समाप्त हो जाएंगे। अखिल भारतीय राज्य सरकारी चतुर्थ महासंघ के राष्ट्रीय डिप्टी जनरल सेक्रेटरी सुरेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस महत्वपूर्ण मामले की उच्च स्तरीय जांच तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की रिपोर्ट लागू कराने की मांग की है। सुरेश सिंह यादव ने शुक्रवार को यहां बताया कि सरकार द्वारा आईआईएम द्वारा लखनऊ को 59 लाख रुपया जीएसटी कार्य व्यवस्था संचालन प्रोग्राम बनाने का काम दिया गया था। उन्होंने बताया कि आईआईएम ने शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। इस रिपोर्ट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही नहीं जीएसटी के प्रचार प्रसार के लिए लाखों की प्रचार प्रसार सामग्री छपवाई गई वह धूल चाट रही हैं। उन्होंने बताया कि शासन के पास जो प्रस्ताव भेजा गया है उसके अनुसार करीब तीन हजार पदों को समाप्त कर सबको टैक्स आडिट में मर्ज किया जाएगा। कर्मचारी नेता ने सवाल किया है कि जब अभी टैक्स आडिट में पर्याप्त कर्मचारी अधिकारी कार्य के अनुपात में तैनात है तो बाकी मर्ज कर्मचारियों से क्या काम लिया जाएगा। यही नहीं कमेटी में जो सदस्य हैं उनका मसला भी विवादित कहा जा रहा है। अगर प्रस्ताव पास हुआ तो विभाग में चतुर्ण श्रेणी वाहन चालक, कनिष्ठ सहायक, वाणिज्य कर अधिकारी, स्टेनो, असिस्टेंट कमिश्नर, पल्लेदार आदि पदों की समाप्ति लगभग तय है। उनका कहना है कि कर चोरी रोकने और ईमानदार व्यापारियों के साथ न्याय करने के लिए वाणिज्य कर विभाग के सचल इकाई को खत्म किया जाना विभाग के लिए अहितकारी साबित होगा। ऐसे में कर चोरी करने वाले माफिया निरंकुश हो जाएगें। कर्मचारी नेता ने मुख्यमंत्री योगी से मांग की है कि पद समाप्ति और सचल इकाई के मुद्दे पर उच्च स्तरीय जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाए। उनकी मांग यह है कि विवादित प्रस्ताव को तत्काल निरस्त कर आईआईएम की उस रिपोर्ट को लागू किया जाए जिसके लिए सरकार 59 लाख का भुगतान कर चुकी है। श्री यादव ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा है कि अगर यह प्रस्ताव सरकार ने मान लिया तो कर चोर माफियाओं की मंशा पूरी हो जाएगी। उनका मानना है कि इससे सरकार की छबि खराब होगी। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

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