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कानपुर में कांग्रेसी पार्षदों ने तोड़ी सदन की मर्यादाएं, महापौर ने तीन को किया निष्कासित

— नगर आयुक्त के सदन स्थगित की मांग पर बिफरी महापौर, कहा यह आपका आफिस नहीं कानपुर, 17 जून (हि.स.)। पानी और विकास सहित कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को नगर निगम सदन में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। विरोध स्वरुप कांग्रेसी पार्षदों ने गांधीगिरी करते हुए सदन में जल निगम अधिकारी को फूल की माला पहना दी। यह भी आरोप है कि पार्षदों ने अधिकारी के साथ धक्का मुक्की की। इस पर नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने सदन स्थगित करने की मांग कर ली, तो महापौर प्रमिला पाण्डेय बिफर गई और कहा यह आपका आफिस नहीं है। यहां तक तो ठीक रहा, लेकिन जैसे ही कांग्रेसी पार्षद सदन छोड़कर चले गये तो महापौर का भी पारा हाई हो गया। महापौर ने कहा कि यह सदन का अपमान है, क्योंकि मैं खुद बैठी हूं और पार्षदों ने बाहर का रास्ता अख्तियार कर लिया। इस पर महापौर ने तीन कांगेसी पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए सदन से निष्कासित कर दिया। नगर निगम का ग्रीष्मकालीन सत्र चल रहा है और पार्षद लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि हमारे क्षेत्र में विकास कार्य नही हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को भी पार्षदों ने पानी व विकास कार्यों को लेकर सदन में जमकर हंगामा किये। महापौर प्रमिला पाण्डेय बार—बार हाथ जोड़कर समझाती रहीं कि धैर्य से काम लें और जिसकी जो भी शिकायत है उन सभी को अपनी बात कहने का अवसर मिलेगा। महापौर के अनुरोध का असर यहां तक कि सत्ताधारी पार्षदों पर भी नहीं पड़ रहा था और बराबर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर विरोध कर रहे थे। इसी बीच सदन में केडीए, पीडब्लूडी और जल निगम अधिकारियों को बुलाया गया। इस पर कांग्रेसी पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि जल निगम अधिकारी पहली बार सदन में आए हैं। जिनका गांधीगिरी कर सम्मान करेंगे और पार्षदों ने माला पहनाई। इस पर बीजेपी के पार्षद उखड़ गए और नारेबाजी करने लगे और हंगामा बढ़ गया। हंगामे के दौरान भाजपा के पार्षदों ने अधिकारी के अपमान का विरोध किया। इसके बाद गैर भाजपाई पार्षद आमने-सामने आ गए। इस बीच महापौर सदन की बैठक छोड़कर चली गई। कुछ देर बाद फिर सदन की कार्रवाई शुरु हुई तो फिर पार्षदों ने हंगामा करना शुरु कर दिये। इसी बीच नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने महापौर से सदन की कार्रवाई स्थगन की मांग कर ली और महापौर का पारा हाई हो गया। महापौर ने कहा कि यह आपका आफिस नहीं है, सदन है, आप तो आफिस आते नहीं हो और एक अधिकारी के अपमान पर बिफर गये, जबकि पार्षदों को जनता के सामने ऐसी समस्याओं से रोज जूझना पड़ रहा है। तीन पार्षद हुए निलंबित कांग्रेस के पार्षद मो. आमिर, मो. अमिम और नूर आलम पर आरोप है कि जब सदन चल रही थी तभी यह लोग सदन के बाहर चले गये। इस पर महापौर का कहना है कि यह सदन का अपमान हैं, क्योंकि सदन में जब तक मैं बैठी रहूंगी तब तक कोई पार्षद सदन से नहीं जा सकता है। इसके बाद महापौर ने हंगामा करने वाले कांग्रेसी पार्षद मो. आमिर, मो. अमिम और नूर आलम को निष्कासित कर दिया गया है। निष्कासन के बाद से सदन के बाहर तीनों पार्षद अपने स्तर से विरोध दर्ज करा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अजय

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