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चित्रकूट : जेल शूटआउट में बड़ा खुलासा, वार्डेन जगमोहन से हुई पूंछताछ

चित्रकूट,19 मई (हि.स.)। जिला जेल रगौली में शूटआउट मामले में बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ है। जेल शूटआउट मामले में जुटी जांच समिति को अहम जानकारियां मिली हैं। जेल सूत्रों ने बताया कि कारागार में अंशु दीक्षित ने जब मेराज व मुकीम की हत्या के बाद बन्दियों को बंधक बनाया तो जेल के वार्डेन जगमोहन ने अंशु को सरेंडर करने को कहा था। पता चला है कि जेल वार्डेन जगमोहन वही व्यक्ति है जो बागपत में मुन्ना बजरंगी की हत्या के समय मौजूद था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद वार्डेन जगमोहन का तबादला बागपत जेल से चित्रकूट हुआ था। ये महज इत्तफाक या कोई बड़ी साजिश तो नहीं है कि जगमोहन यहां भी हत्या के समय मौजूद रहा। जबकि छह मई को जगमोहन कोरोना पाॅजिटिव हुआ था और उसे आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी गई थी। इसके बाद भी 13 मई की शाम जगमोहन चित्रकूट जेल में देखा गया था। 14 मई को शूटआउट के बाद जब अंशुल दीक्षित को घेरा जा रहा था, उस समय भी जगमोहन वहां पर मौजूद था। बागपत जेल में भी सुनील राठी के पास कैसे पिस्टल पहुंची और अब चित्रकूट जेल शूटआउट में भी सबसे बड़ा सवाल ये है कि दोनों शूटआउट में एक ही चीज कामन है वह है जगमोहन। जांच एजेंसियों ने जगमोहन से पूंछताछ शुरु कर दी है। सूत्र बताते हैं कि मेराज व मुकीम को गोली मारने के बाद अंशु किसी से फोन पर बात कर रहा था। इसके बाद उसने फोन को बुरी तरह से तोड़ दिया था। टूटे फोन को भी एकत्र कर जांच की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/रतन

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