chief-minister-yogi-said-in-the-assembly-we-changed-the-working-procedure-believed-in-the-mind-of-the-people-and-created
chief-minister-yogi-said-in-the-assembly-we-changed-the-working-procedure-believed-in-the-mind-of-the-people-and-created

मुख्यमंत्री योगी विधानसभा में बोले, हमने कार्यपद्धति बदली, लोगों के मन में विश्वास किया पैदा

लखनऊ, 03 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट पर चर्चा के दौरान बुधवार को विधानसभा में सरकार की कई क्षेत्रों में अहम उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2015-16 में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में प्रदेश 14वें स्थान पर था। आज प्रदेश इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है। अगर प्रदेश की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग अच्छी नहीं है तो कोई भी बाहरी निवेश आपके यहां नहीं आएगा। केवल शासन के चेहरे बदले हैं तंत्र वही है, सोर्स ऑफ इनकम भी वही है। हमने केवल कार्यपद्धति बदली है, लोगों के मन में एक विश्वास पैदा किया है। चार वर्ष में अर्थव्यवस्था में तेजी से हुआ सुधार उन्होंने कहा कि महज चार वर्ष में उत्तर प्रदेश, देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। हमारी अर्थव्यवस्था 10,90,000 करोड़ से बढ़कर 21,73,000 करोड़ हो चुकी है। यह चार वर्ष में दोगुने से ज्यादा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान लोग परेशान होते थे कि क्या होगा? तब हमने कहा था कि आप निश्चिंत रहिए उत्तर प्रदेश बदल चुका है, यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। ईज ऑफ लिविंग प्रति व्यक्ति की आय बढ़ाने का आधार बना मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग केवल जीवन की सुगमता का ही आधार नहीं बना बल्कि प्रति व्यक्ति की आय बढ़ाने का भी आधार बना है। लोगों को आवास, विद्युत कनेक्शन, राशन पोर्टेबिलिटी की सुविधा, आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का कार्य किया गया है। मुझे प्रसन्नता है कि कोरोना काल में हमारे जो प्रवासी श्रमिक आए थे, उनमें ज्यादातर प्रदेश में रोजगार से जुड़ चुके हैं और प्रदेश के विकास में येागदान दे रहे हैं। उनका योगदान ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है। बुन्देलखण्ड-विंध्य और 30 हजार राजस्व गांवों में व्यापक कार्ययोजना मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव को सड़कों के साथ जोड़ने का कार्य हो रहा है। हम पेयजल स्कीम हर घर नल योजना के अंतर्गत शुद्ध जल मुहैया करा रहे हैं। बुन्देलखण्ड, विंध्य क्षेत्र और 30 हजार अन्य राजस्व गांवों में व्यापक कार्ययोजना को लेकर आ रहे हैं। इन सभी गांवों में एक साथ पाइप पेयजल की स्कीम लागू करने जा रहे हैं। 10 वर्षों तक उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी भी कार्यदायी संस्था की होगी। इंसेफेलाइटिस से मौतों पर 95 फीसदी काबू मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से गोरखपुर और बस्ती जनपद के साथ-साथ 38 जनपदों में बड़े पैमाने पर मौतें हो रही थीं। हमने इसके लिए कार्यक्रम प्रारंभ किए। आज हम इस बीमारी की रोकथाम में सफल हुए हैं। बीमारी से होने वाली मौतों पर 95 फीसदी काबू पाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर बीसी सखी की नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम चरण में लेकर आ गए हैं। अब गांव के व्यक्ति को पैसा निकालने व जमा करने के लिए गांव से दूर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि बीसी सखी यह सुविधा उपलब्ध करवाएंगी। वर्तमान सत्र में 52.5 फीसदी गन्न मूल्य का भुगतान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 1,25,261.48 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को कर चुके हैं। 2019-20 में 98.5 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है। हमने चीनी मिलें बन्द नहीं कीं, बल्कि चलाई हैं। कोविड काल के दौरान भी प्रदेश की 119 चीनी मिलें कार्य करती रहीं। वहीं 10,757 करोड़ यानी वर्तमान सत्र में 52.5 फीसदी भुगतान हो चुका है। यह हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता का परिचायक है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में उप्र को बेस्ट परफॉर्मेंस अवार्ड मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए उत्तर प्रदेश को बेस्ट परफॉर्मेंस से सम्मानित किया गया। 2.42 करोड़ किसान इससे लाभान्वित हुए हैं। कृषक दुर्घटना बीमा का दायरा बढ़ाया गया है। बटाईदार और उसका परिवार भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान को तकनीकी ज्ञान से जोड़ने के लिए आज हर जिले में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित है। इससे खेती के विविधीकरण का प्रयास किया गया। सिंचाई हेतु मुफ्त पानी के लिए इस बजट में 700 करोड़ की व्यवस्था भी की गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए बजट में प्रावधान मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के क्रियान्वयन के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं। किसानों को नाबार्ड से रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी को मिलाकर 40 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का कार्य बीते 04 वर्षों के दौरान हुआ है। वनटांगिया गांव को राजस्व गांव का दिया दर्जा उन्होंने कहा कि देश में साल 1910 और 1920 के बीच वनटांगिया गांव बसाए गए। महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर, पीलीभीत जैसे तमाम जिलों में वह रहते थे। उनका नाम मतदाता सूची में भी नहीं था, उनके लिए कोई सुविधा नहीं थी। हमने इसके लिए संसद में लड़ाई लड़ी। वहीं 2017-18 में वनटांगिया गांव को राजस्व गांव का दर्जा देना प्रारम्भ किया। आज वहां पक्का मकान, बिजली और पानी की व्यवस्था भी है। इस बार हमने बुन्देलखण्ड की वंचित जातियों के लोगों के लिए भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in