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नगर पालिका पिलखुवा के राजस्व अधीक्षक की शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र फर्जी मिले

हापुड़, 27 मार्च (हि.स.)। नगर पालिका परिषद पिलखुवा में तैनात राजस्व अधीक्षक की शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। मामला उत्तर प्रदेश पालिका केंद्रीय राजस्व अधीनस्थ सेवा के संज्ञान में आने के बाद अब उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। पूरे प्रकरण की जांच अपर सांख्यिकीय अधिकारी लखनऊ करेंगे। पालिका परिषद के अध्यक्ष गीता गोयल ने बताया कि राजस्व अधीनस्थ सेवा के अंतर्गत नगर पालिका परिषद पिलखुवा में राजस्व अधीक्षक के पद पर वीरेंद्र प्रताप सिंह तैनात थे। उन्हें अपने चयन के दौरान जो शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए वो फर्जी हैं। इन्हीं प्रमाण पत्रों के आधार पर ही वह इस पद पर कार्यरत हैं। नगर पालिका परिषद ने उत्तर प्रदेश पालिका केंद्रीय राजस्व अधीनस्थ सेवा के निदेशक को पत्र भेजकर वीरेंद्र प्रताप के संदिग्ध शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कराने की मांग की थी। नगर निकाय निदेशक शकुंतला गौतम ने मामले को गंभीरता से लेकर उनके प्रमाण पत्रों की जांच कराई। नगर निकाय निदेशक द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि जांच के दौरान वीरेन्द्र प्रताप सिंह को फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त करने और धोखाधड़ी करने का दोषी पाया गया। नगर निकाय निदेशक के अनुसार उत्तर प्रदेश पालिका केंद्रीयत सेवा 22वां संशोधन नियमावली 2004 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए उत्तर प्रदेश सहकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के ससंगत प्रावधानों के अंतर्गत विभागीय कार्रवाई की गई है। अब अशोक कुमार सिंह अपर सांख्यिकीय अधिकारी नगर निकाय निदेशालय लखनऊ को जांच अधिकारी नामित किया गया है। साथ ही उनसे अपेक्षा की गई है कि वह उक्त प्रकरण की प्राथमिकता के आधार पर निष्पक्ष जांच करें तथा जांच कर अधोहस्ताक्षरी विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। हिन्दुस्थान समाचार/ विनम्र

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