दैनिक या तय वेतन पर दशकों नहीं ले सकते काम, सेवा नियमित करने का निर्देश
प्रयागराज, 23 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी विभाग किसी से दैनिक या तय वेतन पर दशकों तक काम नहीं ले सकते। ऐसे कर्मी विनियमितीकरण के हकदार हैं। कोर्ट ने ऐसे कर्मी को नियमित करने से इन्कार करने के आदेश को रद्द करते हुए सेवा नियमित करने पर विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति ए के मिश्र ने चंद्रमणि की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि याची जिला विकास कार्यालय जौनपुर में 1992 से इलेक्ट्रीशियन के रूप में कार्यरत है। उसे नियमित वेतन भुगतान किया जा रहा है। सेवा के 29 साल बाद सेवा नियमित करने की मांग की गई, जो 22 मार्च 18 को अस्वीकार कर दी गयी। जिसे याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। याची अधिवक्ता का कहना था कि 2016 में सेवा नियमितीकरण नियमावली बनी। नियम 6(1) में व्यवस्था दी गयी कि सरकारी विभाग मे 31 दिसम्बर 2001 तक जितने भी तृतीय व चतुर्थ अस्थायी कर्मी हैं नियमित किये जाने के हकदार हैं। इन्हें खाली पदों या काल्पनिक पदों पर समायोजित किया जाय। यह छूट किसी योजना या प्रोजेक्ट कर्मियों को नहीं होगी। याची सरकारी कार्यालय में कार्यरत है। कोर्ट ने राम अजहर केस में कहा है कि दैनिक या तय वेतन पर तीन दशक तक काम नहीं लिया जा सकता। नियमावली का पालन किया जाय। जिस पर कोर्ट ने याची को नियमित करने का आदेश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक