मंडी शुल्क समाप्त करने को व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सांसद और विधायक को सौंपा
मंडी शुल्क समाप्त करने को व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सांसद और विधायक को सौंपा

मंडी शुल्क समाप्त करने को व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सांसद और विधायक को सौंपा

चित्रकूट, 25 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की जिला इकाई ने मंगलवार को प्रांतीय नेतृत्व के आहवान पर मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग को लेकर बाँदा -चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल और मानिकपुर विधायक आनंद शुक्ला को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौपा। मंगलवार को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष ओम केशरवानी, मंडल उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, जिला महामंत्री सुशील गुप्ता (कक्का),उपाध्यक्ष सुनील द्विवेदी, संयुक्त महामंत्री गुलाब गुप्ता, युवा जिलाध्यक्ष राहुल गुप्ता, महामंत्री प्रदीप गुप्ता, दिलीप केशरवानी, किराना व्यापार मंडल अध्यक्ष ओम प्रकाश साहू आदि पदाधिकारियों प्रांतीय आह्वान पर मंडी शुल्क समाप्त किये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम सम्बोधित ज्ञापन बाँदा-चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल और मानिकपुर भाजपा विधायक आर के सिंह पटेल को सौंपा। इस मौके पर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष ओम केशरवानी ने कहा कि संगठन के आह्वाहन पर मंडी शुल्क व शेष शुल्क ख़त्म किये जाने की मांग को लेकर मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। उन्होंने बताया कि जब तक मंडी समिति का यूज़र टैक्स और मंडी शुल्क समाप्त नहीं किया जाता तब तक व्यापार मंडल लोकतांत्रिक तरीके से धरना और प्रदर्शन करता रहेगा।जिलाध्यक्ष श्री केशरवानी ने कहा कि केंद्र सरकार के भावनाओ के विपरीत उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 1964 में लागू हुआ था। तब इसकी दर 25 पैसे से लेकर 50 पैसे सैकड़े की थी। जो बढ़ते बढ़ते दो प्रतिशत हो गई। क्योकि दो प्रतिशत से ज्यादा प्रदेश सरकार शुल्क लगा नहीं सकती थी। इसलिए 0.5 प्रतिशत सरचार्ज (शेष) के रूप में कर दिया गया। जिससे शुल्क बढ़कर 2.5 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश के आसपास के राज्य में या तो मंडी शुल्क है नहीं और किन्हीं राज्यों में उनकी दर बहुत कम है। जिसकी वजह से यहां का व्यापार पडोसी राज्यों में चला जाता है। जिसके चलते यहां की मंडियों में भयंकर भ्रष्टाचार है। उन्होने बताया कि संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंडी शुल्क को पूरी तरह से समाप्त किये जाने की मांग की जा रही है। उन्होंने बताया कि व्यापार मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को मंडी समितियों का खर्च पूरा करने के लिए अंदर बनी दुकानों का किराया बढ़ा दिया जाये, मंडी शुल्क दो रूपये प्रति कुंतल लगा देने का सुझाव दिया जा रहा है। मूल्य में प्रति सैकड़ा मंडी शुल्क न लगाये तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और मंडी समितियों का खर्च नहीं पूर्ण हो जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार /रतन/मोहित-hindusthansamachar.in

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