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बुंदेलखंड काव्य कुंभः उठो साथियों निज धर्म बिक न जाए

बांदा, 28 फरवरी (हि.स.)। संस्कार भारती कानपुर प्रांत द्वारा बुंदेलखंड काव्य कुंभ का आयोजन नटराज संगीत महाविद्यालय बांदा में किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन दादा ओमपाल सिंह निडर का कविता पाठ रहा। उन्होंने इस दौरान भारतीय संस्कृति, संस्कार पर संदेश देती कविताओं का पाठ कर कवियों को उठो साथियों निज धर्म धर्म बिक न जाए।बहनों जागो!निज शर्म बिक न जाए। यही आरजू मेरी कवि गणों से,सब कुछ बिके कलम बिक न जाए, के माध्यम से प्रेरित किया। कार्यक्रम में बुंदेलखंड के प्रमुख कवियों में सुशील खरे वैभव, संतोष पटेरिया, श्याम बिहारी महोबा, चित्रकूट नारायण तिवारी हमीरपुर से रेवती रमण पाठक, धर्मात्मा प्रसाद, कुमारी प्रांजल आगरा, तिंदवारी से रामनारायण त्रिपाठी, झांसी से बाला प्रसाद यादव, सुखदेव व्यास ,डॉ सावित्री शर्मा ग्वालियर से, प्रमोद सिंह बांदा से, डॉक्टर चंद्रिका प्रसाद दीक्षित ललित, सुधीर करे कमल ने कवि सम्मेलन में जनमानस में प्रेरक कविताएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण का केंद्र कु. अपूर्वा सोनी द्वारा संचालित विभिन्न चित्रों की कला दीर्घा रही। वही बुंदेलखंड के स्मृति शेष कला रत्नों की प्रदर्शनी भी उत्कृष्ट रही। कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थित व्यक्तियों में डॉक्टर जगन्नाथ पाठक, जिला संचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रोफेसर लल्लूराम शुक्ला, डॉ सिद्धार्थ त्रिपाठी, सुशील द्विवेदी, डॉ मनीष गुप्ता, राजेश गुप्ता, राजकुमार राज प्रमुख रहे। कार्यक्रम में श्रद्धा निगम द्वारा तैयार कत्थक शैली में जन कवि बाबू केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं पर नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम में डॉ स्वर्णकार सहित दो दर्जन से अधिक कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन दीनदयाल सोनी व संतोष पटेरिया ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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