श्रीराम मंदिर की नींव में रखी जायेगी बुद्ध धरा की मिट्टी
श्रीराम मंदिर की नींव में रखी जायेगी बुद्ध धरा की मिट्टी

श्रीराम मंदिर की नींव में रखी जायेगी बुद्ध धरा की मिट्टी

-जनपद के नौ प्रमुख देव देवी स्थान से जा रही मिट्टी कुशीनगर, 29 जुलाई (हि.स.)। अयोध्या में पांच अगस्त को रखे जाने वाले श्रीराम मंदिर निर्माण की नींव में गौतम बुद्ध की निर्वाण भूमि कुशीनगर की मिट्टी भी रखी जायेगी। इसके अलावा तीर्थंकर महावीर जैन की निर्वाण स्थली पावानगर, मां कामख्या पीठ असम की प्रतिनिधि पीठ मैनपुर कोट देवी स्थान, कुबेर प्रतिष्ठित शिव मंदिर कुबेर स्थान, सूर्य मंदिर तुर्कपट्टी, देवी पीठ खन्हवार स्थान पिपरा, विश्व कल्याण मन्दिर रामकोला, सिधुआं स्थान व प्राचीन रामजानकी मठ कसया की पवित्र मिट्टी को नींव में शोभित होने का गौरव मिलेगा। बुधवार शाम को मिट्टियों का एक साथ वैदिक रीति-रिवाज से पूजन हुआ। गुरुवार को मिट्टियों को सुरक्षा घेरे में अयोध्या ले जाया जाएगा। रामजानकी मठ में महन्थ त्रिभुवनशरण दास व पुजारी देवनारायण शरण की देखरेख में मिट्टी रखे पात्रों के पूजन के दौरान हिंदूवादी संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रांत मिलन प्रमुख दुर्गेश प्रताप राव ने कहा देवरिया व कुशीनगर जिले के दो दर्जन देव देवी प्रांगण की मिट्टी संग्रहित कर अयोध्या ले जाई जा रही है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कुशीनगर कैप्टन सीबी सिंह, जिलाध्यक्ष पड़रौना दीपक अग्रवाल, जिला मंत्री विनय त्रिपाठी, बजरंग दल कार्यकर्ता अम्बरीष सिंह, हियुवा नेता ओमप्रकाश वर्मा, प्रमिल गुप्त, आरएसएस कार्यकर्ता सुरेश प्रसाद गुप्त, संस्कार भारती के अध्यक्ष डॉ. अनिल सिन्हा, प्रदीप शर्मा, विशाल, प्रधान सतीश वर्मा, धीरेंद्र राय आदि उपस्थित रहे। देवभूमि है कुशीनगर श्रीराम मंदिर की नींव में प्राचीन व ऐतिहासिक देव देवी स्थल की मिट्टी ले जाए जाने के औचित्य के सवाल पर शिलान्यास कार्यक्रम के मुख्य आचार्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार पांडेय ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि वास्तव में कुशीनगर देवभूमि है। गौतम बुद्ध व जैन तीर्थंकर महावीर जैन का इस धरा पर निर्वाण प्राप्त करने से इसका महत्व पता चलता है। यहां का कण कण अनेक पुरातन किवदन्तियों का साक्षी है। इस माध्यम से सनातन संस्कृति के आराध्य श्रीराम के मंदिर के निर्माण से इस जन सामान्य को जोड़ना व जागरूकता पैदा करना प्रमुख उद्देश्य है। हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/दीपक-hindusthansamachar.in

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