Ayodhya is the focal point of the faith of India's nationality, no imagination of India without Ram: Yogi Adityanath
Ayodhya is the focal point of the faith of India's nationality, no imagination of India without Ram: Yogi Adityanath

अयोध्या भारत की राष्ट्रीयता की आस्था का केन्द्र बिन्दु, राम के बगैर भारत की कल्पना ही नहीं : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 15 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या भारत की राष्ट्रीयता की आस्था का केन्द्र बिन्दु है। जब हम भारत बोलते हैं, प्राचीन सांस्कृतिक भारत और आज का राजनीतिक भारत, इन दोनों के केन्द्र बिन्दु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हैं। इसलिए राम के बगैर भारत की कल्पना ही नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को 'पाञ्चजन्य' के राम जन्मभूमि संग्रह विशेषांक का विमोचन एवं परिचर्चा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज से हजारों वर्ष पहले भारत की उत्तर से दक्षिण की सीमाएं जो भगवान राम ने तय की थी, वही आज भारत की राजनीतिक सीमा है। इसलिए हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि राम हमारे लिए राष्ट्रपुरुष हैं। भारत के प्रतीक हैं। भारतीय आस्था के एक ऐसे केन्द्र बिंदु हैं, जिनके लिए हर भारतीय जनमानस के मन में अगाध आस्था है। हमारे गौरव और गरिमा को ठेस पहुंचाकर बदले गए जनपदों के नाम मुख्यमंत्री ने जनपदों के नाम और बदले जाने को लेकर कहा कि फैजाबाद का वास्तविक नाम अयोध्या था और इलाहाबाद का वास्तविक नाम प्रयागराज था। किसी कालखंड में हमारे गौरव और गरिमा को ठेस पहुंचाकर अगर कुछ नाम परिवर्तित हुए थे तो हमारा दायित्व बनता था कि हम समय रहते उसका परिमार्जन करें और जब मौका मिला तो हम लोग ने वह करके दिखाया। आत्मगौरव की अनुभूति कराता है नाम मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि नाम केवल नाम नहीं होता है। यह आत्मगौरव की अनुभूति कराता है। इस आत्मगौरव के साथ हर भारतीय नागरिक अपने को गौरवान्वित महसूस कर सके और आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ मानक और आदर्श स्थापित करने के लिए हम आगे बढ़ सके। इस दृष्टि से हमारी सरकार ने इसे आवश्यक समझा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़ा हुआ जो नगर है उस नगर निगम, जनपद और उस कमिश्नरी का नाम अयोध्या ही होना चाहिए, क्योंकि दुनिया उसे अयोध्या के रूप में जानती और पहचानती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या सप्तपुरियों में से एक है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयागराज के बारे में बात करें तो दुनिया इसको संगम की पावन नगरी के रूप में जानती है। एक कालखंड के दौरान यह नाम परिवर्तित हुए। आवश्यकता होगी तो फिर नाम बदलने से नहीं करेंगे परहेज उन्होंने कहा कि आज फिर से भारत जब 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' बनने की ओर अग्रसर है तो हमें इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने चाहिए और हम लोगों ने ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि आगे भी जहां आवश्यकता होगी तो जो भारत के आत्मगौरव की अनुभूति कराने वाले क्षण होंगे, आयोजन, कार्यक्रम होंगे और कोई भी ऐसे नामकरण होंगे, उसमें किसी प्रकार का कोई संकोच हम लोगों के स्तर पर नहीं होगा। विषैले तंत्र को हम लोगों की एंटीबायोटिक पहुंचा रही नुकसान मुख्यमंत्री ने उन्हें निशाना बनाकर प्रचारित किए जाने वाले आरोपों, फर्जी खबरों को लेकर कहा कि जिनके विषैले पाचन तंत्र को हम लोगों की एंटीबायोटिक नुकसान पहुंचाती है, उनको स्वाभाविक रूप से हमारा कार्य अपच होगा। ये लोग हम से परहेज तो करेंगे ही। उन्होंने कि इन लोगों ने केवल योगी आदित्यनाथ को निशाना नहीं बनाया है, इन्होंने लगातार 1947 के बाद से देश के वैचारिक अधिष्ठान पर प्रहार करने में कोई गुरेज नहीं की। इन्होंने 1962 में भी बड़ी बेशर्मी दिखाई थी, जब यह देश अपनी संप्रभुता के लिए लड़ाई लड़ रहा था, तब इनकी निष्ठा कहां थी, 1965 और 1971 में कहां थी। उन्होंने कहा कि जब भी देश के अंदर या बाहर कोई संकट आया है, इनकी निष्ठा कहां होती है, देखा जा सकता है। भगवाधारी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर क्षमता पर उठाये गये सवाल योगी आदित्यनाथ ने कहा जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जी ने मुख्यमंत्री बनाया तो इन लोगों ने पहले मेरी नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए कि क्या यह भगवाधारी इतने बड़े प्रदेश को चला पाएगा। तब भी इन्होंने मेरी क्षमता पर प्रश्न खड़ा करने का प्रयास किया था और आज जब प्रदेश सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है, तब इनको परहेज, आपत्ति क्यों है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रदेश के हित में होगा, प्रदेश के 24 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए आवश्यक होगा, उस प्रकार के कदम हमारी सरकार उठाएगी। इस सम्बन्ध में हम कोई परहेज नहीं करेंगे। कोरोना से उप्र में अमेरिका की तुलना में बेहद कम मौतें मुख्यमंत्री ने कोरोना कालखण्ड में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को विश्व स्तर पर मिली सराहना पर कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाले हमारे प्रदेश में 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार, श्रमिक आए। हम लोग 14 हजार से अधिक बच्चों को कोटा से लेकर आए। इसी तरह 15 हजार प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को प्रयागराज से उनके घरों तक लॉकडाउन में सुरक्षित पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सबसे खराब कहा जाता था, उस प्रदेश में इन 10 महीनों में कोरोना से 8,000 मौते हुईं। वहीं अमेरिका दुनिया के अंदर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है, उनके सामने हमारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कहीं नहीं ठहरता है। वहां इस दौरान 3.90 लाख लोगों की मौतें हुई। दिल्ली सरकार पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि इसी तरह दिल्ली मॉडल बात करें तो दिल्ली की आबादी पौने दो करोड़ है और वहां कि सरकार ने यूपी बिहार के तमाम कामगारों, श्रमिकों को लॉकडाउन प्रारंभ होने के बाद बाहर निकलने, लॉकडाउन को विफल करने के लिए जो खड्यंत्र किया। बड़ी संख्या में वहां से लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। इसके बावजूद दिल्ली में 10,000 से अधिक मौतें कोरोना से होती हैं। पौने दो करोड़ की आबादी वाले राज्य में इतनी मौते हुईं। वहीं इसकी उत्तर प्रदेश की आबादी और मौतों से तुलना करके स्थिति समझी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे देश के अन्य राज्यों से भी तुलना करके देखें तो हमने यहां काम किया। उन्होंने कहा कि कोई आपदा हो या दैनिक जीवन में कोई नतीजा देना हो, एक व्यक्ति इसे नहीं करता है, टीम रिजल्ट देती है, टीम वर्क से कार्य होता है। भाजपा सरकार में हर व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार में हर व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी है। राज्य के सभी लोगों को योजनाओं का लाभ मिलता है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता, पर अपराधियों और अराजक तत्वों पर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। रामभक्तों पर गोली चलाने वाले ले रहे राम का नाम उन्होंने कहा कि हमें भारत की पहचान के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं देनी चाहिए। सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति, यह भारत की पहचान है। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता अच्छे-अच्छों को रास्ते पर ला देती है, जो लोग रामभक्तों पर गोली चलाते थे,आज वे लोग भी कह रहे हैं कि श्रीराम तो हमारे भी हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/दीपक-hindusthansamachar.in

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