Auraiya: Panchanad barrage will put wings for the development of the district
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औरैया : पंचनद बैराज लगाएगा जनपद के विकास को पंख

औरैया, 09 जनवरी (हि. स.)। कहा जाता है कि खराब वक्त एक सा नहीं रहता है। जनपद औरैया के बीहड़ी क्षेत्र का समय काफी लंबे अरसे तक खराब चला। इसमें दुर्दांत दस्यु दलों के उत्पाद के साथ-साथ उनका कहर भी ग्रामीणों को देखने को मिला। मगर अब उनके दिन बदलने का समय नजदीक आ गया है। तभी यह कहावत चरितार्थ हो गई कि समय का चक्र एक जैसा कभी नहीं रहता और वह बदलता रहता है। पंचनद बैराज की बहुप्रतीक्षित योजना फलीभूत होती अब प्रतीत होने लगी है। इससे सीमावर्ती इलाके के ग्रामीणों को सुनहरे भविष्य का सूर्य उदय होता दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश का पंचनद क्षेत्र जहां पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंध, कुंवारी, पहूज का संगम स्थल है। इसके तट पर अनेक धार्मिक पौराणिक स्थल है। जिसका विवरण विभिन्न ग्रंथों, पुराणों में भी उल्लेख मिलता है किंतु सदियों से दुर्दांत डाकुओं की शरण स्थली के रूप में कुख्यात पंचनद व चंबल का ग्रामीण क्षेत्र हमेशा विकास से अछूता रहा है।यहां के युवक दूर शहरों में जाकर मजदूरी करने अथवा जंगल की शरण लेकर अपराध करने को मजबूर हो रहे हैं। मगर खराब वक्त किसी का नहीं रहता है की कहावत यहां चरितार्थ होती नजर आ रही है। अब पंचनद क्षेत्र में विकास की रफ्तार पकड़ती दिखाई दे रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर अब पंचनद तीर्थ क्षेत्र पर पड़ गई और उन्होंने सर्वप्रथम पंचनद को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया। अति पिछड़े ग्रामीण इलाके की आर्थिक समृद्धि की चिन्ता करते हुए लगभग 2600 करोड़ रुपए लागत की पंचनद बैराज परियोजना को स्वीकृत प्रदान कर दी। जिसके लिए प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही है। इस योजना के फलीभूत होते ही जालौन, इटावा, औरैया, कानपुर देहात की हजारों हेक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित किए जाने के लिए नहरें निकाली जाएंगी। जिससे यहां कृषि क्रांति होना सुनिश्चित है। पंचनद पर पर्यटन उद्योग विकसित होगा जिससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार नए अवसर प्राप्त होगे एवं सिंचाई के पानी की समस्या का निदान होने से आर्थिक समृद्धि में इजाफा होगा। इसके अलावा भूगर्भीय जलस्तर स्तर बढ़ने से पेयजल संकट का स्थाई समाधान निकलेगा। बताते चलें कि, वर्ष 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इटावा की एक जनसभा में पंचनद पर बांध बनाने की योजना की घोषणा की थी। ग्रामीण इलाके के लोगों में विकास की आशा का दीपक जलाया था जो अब तक की सरकारों के दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में बुझता नजर आ रहा था। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आशा के बुझते हुए दीपक में घी डालकर इसे पुनः प्रज्वलित कर दिया है। एक जनवरी को प्रदेश के प्रमुख सचिव एवं सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता ने पंचनद बैराज की लगभग 2597 करोड़ रुपये की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखी थी। दो जनवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से ट्वीट में बताया गया था कि पंचनद बैराज परियोजना से औरैया, कानपुर देहात व जालौन में सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। इस परियोजना को अमलीजामा पहनाए जाने के लिए मुख्य अभियंता समिति और केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली की संस्तुति मिलना बाकी है। इटावा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई में पंचनद बांध परियोजना के मुद्दे को संसद में उठाया था। इस परियोजना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री गंभीर हैं। वहीं पूर्व ब्लाक प्रमुख सदर राजकुमार दुबे ने बताया कि इस परियोजना से 64950 हेक्टेयर क्षेत्र के लगभग एक लाख किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। साथ ही मत्स्य पालन, पर्यटन व परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। बुंदेलखंड, कानपुर देहात व औरैया में उपेक्षित पड़े क्षेत्र को सूखे से मुक्ति मिलेगी। जगम्मनपुर व अजीतमल के बीच होगा बैराज पुल निर्माण इटावा सांसद डॉक्टर रामशंकर कठेरिया ने पंचनद बैराज से जुड़ीं कई अन्य जानकारियां भी साझा की हैं। इसमें सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से जारी बैराज का इंडेक्स मैप, परियोजना का संक्षित विवरण व परियोजना से लाभ बताए हैं। यह बैराज यमुना, क्वारी, पहुंज, सिंधु (मध्य प्रदेश), चंबल के संगम स्थल पर बनेगा। औरैया जिले की 10501 हेक्टेयर, कानपुर देहात की 39718 हेक्टेयर, जालौन की 14731 हेक्टेयर असिंचित भूमि को लाभ मिलेगा। परियोजना प्रारंभ होने का वर्ष 2021-22 दर्शाया गया है।जालौन में जगम्मनपुर व औरैया के अजीतमल के बीच बैराज पुल के निर्माण से सीधा परिवहन हो सकेगा। इंडेक्स मैप में दिखाया गया है कि बैराज से भोगनीपुर शाखा को जोड़ने वाली बायीं पंप कैनाल 13 किलोमीटर व जालौन जिले की कुठौंद शाखा को जोड़ने वाली दाईं पंप कैनाल 12 किलोमीटर लंबी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील-hindusthansamachar.in

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