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शिक्षा सेवा ट्रिब्यूनल की प्रधानपीठ लखनऊ में स्थापित करने से नाराज वकील नहीं करेंगे न्यायिक काम

प्रयागराज, 23 फरवरी (हि.स.)। शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधानपीठ लखनऊ में स्थापित किए जाने से नाराज इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता बुधवार 24 फरवरी को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। अधिकरण के मुद्दे पर मंगलवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की एक बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा आश्वासन देने के बावजूद प्रयागराज में प्रधानपीठ न बनाने का विरोध किया जाएगा। वकीलों का कहना था कि अधिकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों और आम जनता के लंबे आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया था कि अधिकरण की प्रधानपीठ प्रयागराज में ही बनाई जाएगी। तथा इलाहाबाद और लखनऊ में हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार के अनुरूप अधिकरण के क्षेत्राधिकार का भी बंटवारा किया जाएगा। मगर हाल में पारित विधेयक में इसका पालन नहीं किया गया। प्रयागराज में सिर्फ दो दिन ही अधिकरण की पीठ बैठेगी। यह निर्णय अधिवक्ताओं के साथ ही शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के भी हित में नहीं है। राज्य सरकार से मांग की गई है कि विधेयक को वापस लिया जाए। बैठक की अध्यक्षता अमरेंद्र नाथ सिंह ने और संचालन महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने किया। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आजमी, अनिल पाठक, रजनीकांत राय, कृष्णकांत मिश्र, अंजू श्रीवास्तव, अभिषेक शुक्ला, दिलीप कुमार पांडेय, राजेंद्र कुमार सिंह, मंजू पांडेय, दुर्गेश चंद्र तिवारी व कार्यकारिणी के अन्य सदस्य मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन

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