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अमेठीवासी बोले, राहुल गांधी के लालन-पालन में दोष, उनके नाना-परदादा को पहचान देने वाली धरती उत्तर प्रदेश

अमेठी, 24 फरवरी (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के एक सभा में दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय का मुद्दा छेड़कर अपनी फजीहत करा रहे हैं। सभा में उनके दिये गये बयान से अमेठीवासी कनमना गये हैं। राहुल को 15 वर्ष तक अवसर देकर अफसोस कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट करके कहा कि 'एहसान फरामोश।' दरअसल मंगलवार को श्री गांधी केरल पहुंचे थे, वहां सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने दक्षिण भारतीय लोगों से तुलना करते हुए उत्तर भारतीय लोगों को ना समझ बताया है। राहुल के इस बयान को लेकर अमेठी के लोगों में उबाल आ गया है। श्री राहुल के उक्त बयान को लेकर हिन्दुस्थान समाचार के प्रतिनिधि ने यहां के निवासियों से राय जाननी चाही तो ऐसा लगा कि लोग राहुल से खफा हो गये हैं और बयान से बेहद नाराज हैं। मसाला के व्यवसायी राजेश अग्रहरि भी श्री गांधी के बयान को सुने तो आवाक रहे गये। वे कहते हैं कि राहुल गांधी का ये वक्तव्य सुनकर पूरी अमेठी ठगी महसूस कर रही है। श्री अग्रहरि कहते हैं कि समझता हूं कि ये राहुल गांधी का दोष कम है, उनके लालन-पालन और उनकी संस्कृति का प्रभाव ज्यादा है। राहुल गांधी को ये जानना चाहिए आज वो जो कुछ भी हैं, और केवल वे ही नहीं, उनके नाना, उनके परदादा गांधी और नेहरू को पहचान देने वाली उत्तर प्रदेश की धरती है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और अमेठी की तुलना करते हुए अमेठी तहसील क्षेत्र के निवासी दिनेश सिंह कहते हैं कि करीब तीस सालों से गांधी परिवार अमेठी में लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता रहा। लेकिन अमेठी के लोगों की समझदारी समझ लीजिए कि मोदी का 06 साल का बनारस क्षेत्र देख लीजिए और तीस साल का इनका अमेठी देख लीजिए। जमीन आसमान का अंतर मालूम हो जाएगा। वहीं, हंसते हुए अमेठी के ही डाक्टर सुभाष ने कहा कि मुद्दे की जहां तक बात है, राहुल गांधी को बात समझ में ही नहीं आती। उन्हें स्वयं नहीं पता होता है कि मुद्दा क्या है। 15 साल सांसद मतलब तीन टर्म सांसद रहे, फिर भी समझ नहीं पाये। आगे कहते हैं कि उनसे (राहुल) ज्यादा अपेक्षा थी, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप उन्होंने काम नहीं किया और हारना पड़ा। स्थानीय निवासी संजय कहते हैं कि राहुल गांधी ने अमेठी के मुकाबले केरल के लोगों को समझदार बताया। लेकिन वो खुद भूल गए के उन्हीं के संजय गांधी हास्पिटल में केरल के बच्चे नौकरी कर रहे हैं। अमेठी केरल के लोगों को रोजगार देने का काम कर रहा है। 15 साल में राहुल गांधी ने अमेठी के पत्रकारों, साहित्यकारों से कहीं कोई संवाद नहीं किया, उन्होंने कभी अमेठी को जानने की कोशिश नहीं की। राजेश कुमार कहते हैं कि ये बात एकदम सही है कि केरल की साक्षरता 100 प्रतिशत है। वहां का आदमी बिहार, उत्तर प्रदेश और एमपी से ज्यादा समझदार है। जहां तक बात मुद्दों की चर्चा करने की है तो उत्तर प्रदेश और बिहार बहुत बड़ा राज्य है, यहां पर शिक्षा की भी कमी है और नेता भी अशिक्षित हैं। अगर यही सब बातें उन्हें केरल में कहनी थी तो इससे पहले उन्हें अपने पिता और माता को कोसना चाहिए, जो यहीं से सांसद थे। हंसते हुए - राहुल गांधी अदभुत आदमी हैं। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी दो दिन की यात्रा पर केरल पहुंचे थे। मंगलवार को त्रिवेंद्रम में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि 'पहले 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बहुत नया था, क्योंकि अचानक मैंने पाया कि यहां के लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों पर विस्तार में जाने वाले हैं।' कल इस मामले पर अमेठी से सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तीखा हमला बोलते हुए उन्हें एहसान फरामोश बताया था। हिन्दुस्थान समाचार/असगर

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