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दलित और पिछड़ा विरोधी मानसिकता के हैं अखिलेश : कांग्रेस

लखनऊ, 10 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग के चेयरमैन मनोज यादव ने सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें दलित-पिछड़ा विरोधी मानसिकता का करार देते हुए कठघरे में खड़ा किया है। मनोज यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश की जनता द्वारा लगातार खारिज किये जाने से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव विचलित होकर अवैज्ञानिक और अतार्किक निर्णय ले रहे हैं। 'दलित दिवाली' की घोषणा करना उसी हताशा का परिणाम है। कहा कि, प्रदेश की समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव आज पूरी तरह से दलित-पिछड़ों की हकमारी के मामले में पूरी तरह से एक्स्पोज हो चुके हैं, दलित-अति पिछड़ा समाज आज उनका साथ छोड़ चुका है। अखिलेश यादव बाबा साहेब की विचारधारा को कुन्द और सीमित करना चाहते हैं। आगे कहा कि, जब पूरा देश बाबा साहेब की जयंती समता दिवस के रूप में मना रही है, देश के लोकतंत्र, बंधुत्व और सामाजिक न्याय को मजबूती से स्थापित करने और संविधान पर हो रहे हमले के खिलाफ जयंती कर संघर्ष करने की शपथ लेने का कार्यक्रम कर रही है। ऐसे में सपा सुप्रीमो द्वारा दलित दिवाली की घोषणा करना उनकी सियासी कमजोरी और भाजपा से अंदरखाने सांठगांठ को दर्शाता है। श्री यादव ने अखिलेश यादव को दलित विरोधी करार दिया और कहा कि प्रोंन्नति में आरक्षण का बिल फाड़ने वाली सपा आंबेडकर के नाम पर ढोंग और स्वांग कर रही है। अखिलेश यादव के 2012 में सत्ता पर आते ही दलित बस्तियों पर हमले तेज हो गए थे। उन्होंने कहा कि दलित दिवाली की बात करने का अधिकार उन्हें नहीं जो जीत की जश्न में दलितों की बस्तियां जलाते हैं। उन्होंने कहा कि दलितों के उत्पीड़न में सपा-बसपा और भाजपा दोनों एक समान रहे हैं। कहाकि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में दलितों का ठेके में आरक्षण खत्म किया गया, मिड डे मील में दलित महिला रसोइया के होने के प्रावधानों को शिथिल किया, दलित और पिछड़े महापुरुषों के नाम पर बने पार्क व मेडिकल कालेजों का नाम बदल कर अपना आंबेडकर की विचारधारा विरोधी चरित्र उजागर कर चुकी है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि सैफई परिवार वाहिनी के कमजोर पड़ जाने की परिणिति है बाबा साहेब वाहिनी की घोषणा। बाबा साहेब वाहिनी बनाकर वो बाबा साहेब के राजनैतिक दर्शनों को कुंद करना चाहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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