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कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री संजय राजाराम का कोविड से अमेरिका में निधन, पैतृक गांव बड़ागांव में शोक

वाराणसी, 19 फरवरी (हि.स.)। पद्मश्री से सम्मानित दुनिया के जाने-माने कृषि वैज्ञानिक डॉ संजय राजाराम को वैश्विक महामारी कोविड-19 ने निगल लिया। अमेरिका के मैक्सिको में कृषि वैज्ञानिक के निधन की जानकारी पाते ही शुक्रवार को उनके पैतृक गांव बड़ागांव क्षेत्र के रायपुर (अनेई) में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों के साथ ग्रामीणों ने उनके प्रतिभा और व्यक्तित्व को याद किया। वर्ष 1943 में गांव के साधारण किसान परिवार में जन्में वैज्ञानिक श्री संजय मेक्सिको की नागरिकता लेकर वहीं बस गये। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएससी एग्रीकल्चर में सर्वोच्च अंक पाने पर स्वर्णपदक हासिल किया था। इंडियन एग्रीकल्चर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली से जेनेटिक एंड प्लांट ब्रीडिंग में एमएससी की उपाधि लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी से प्लांट ब्रीडिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की। कृषि वैज्ञानिक को भारत में वर्ष 2001 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वर्ष 2014 में कृषि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले विश्व खाद्य पुरस्कार भी उन्हें मिला। 2001 में चीन में फ्रेंडशिप अवार्ड के साथ ही विभिन्न देशों ने सौ से भी ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित किया था। विदेश में रहने के बावजूद उन्होंने भारत में गेहूं प्रजनन कार्यक्रम का नेतृत्व कर उन्नत बीजों को विकसित किया। उन्होंने देश में श्री राम गेहूं सहित अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली बीज की कई वेराइटी को विकसित किया था। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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