आगरा : फर्जी शिक्षकों के मामले में  विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज
आगरा : फर्जी शिक्षकों के मामले में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज

आगरा : फर्जी शिक्षकों के मामले में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज

आगरा, 01 जुलाई (हि.स.)। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी डिग्री पाकर बनने वाले फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद विवि के कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि पुलिस की विवेचना में ऐसे कर्मचारी पकड़े जा सकते हैं, जिन्होंने कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, चार्ट में हेरा फेरी व अंक तालिका में अंक बढ़ाकर शिक्षकों को फर्जी डिग्री में उपलब्ध कराई थी। गौरतलब है कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जीवाड़े की जांच एसआईटी कर रही है। इसमें 3637 विद्यार्थियों की अंक तालिका में गड़बड़ी पाई गई, जिसने 2823 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित कर दिया गया था। उनकी सेवाएं जनवरी 2020 में ही समाप्त कर दी गई थी। आगरा में मंगलवार को एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर बीएसए राजीव कुमार ने 24 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उन्होंने विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी डिग्री प्राप्त की थी। इसके साथ ही चार्ट और अंक तालिका में हेराफेरी की गई थी। पुलिस अब इन फर्जी शिक्षकों से संबंध रखने वाले हर पहलू से जांच कर रही है। तो विवेचना में विश्वविद्यालय की कई कर्मचारी भी पुलिस के हत्थे चढ़ सकते हैं, क्योंकि विवेचना में कई बिंदु शामिल की जाएंगे। जैसे शिक्षकों ने अंकतालिका बनवाने के लिए किससे संपर्क किया, चार्ट में उनके नंबर किन लोगों के माध्यम से बढ़ाए गए,हेरा फेरी के लिए दी गई रकम किसी एजेंट के माध्यम से दी गई या कोई विश्वविद्यालय का कर्मचारी था। शाहगंज स्पेक्टर सत्येंद्र सिंह राघव ने बताया कि पुलिस इस विवेचना को आगे लेकर जाएगी। जिससे फर्जी डिग्री मामले में शामिल लोगों को पकड़ा जा सके। हिंदुस्थान समाचार/ संजीव/उपेन्द्र/राजेश-hindusthansamachar.in

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