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किसानों के आक्रोश से डरी भाजपा बदले की भावना से कर रही काम : अखिलेश

लखनऊ, 09 अप्रैल (हि.स.)। किसानों के आंदोलन और आक्रोश से डरी हुई भाजपा सरकार अब उनके प्रति बदले की भावना से काम कर रही है। किसानों को मुश्किल में डालकर भाजपा सरकार अपनी खीझ उतार रही है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कही। कहाकि योगी सरकार में खेती-किसानी में खाद, बीज और बिजली की जरूरत के बारे में सभी जानते हैं। भाजपा सरकार ने खाद के दामों में वृद्धि के साथ बिजली के रेट बढ़ाने की भी तैयारी कर ली है। बीज के दाम पहले से बढ़े हैं, उनकी अनुपलब्धता और खराब बीजों की सप्लाई की भी शिकायतें आम है। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद के दामों में अचानक फिर बढ़ोत्तरी कर दी गई है। यह बाजार में 3800 रुपये में मिल रही है। एनपीके के दामों में भी बढ़ोत्तरी हो गई है। बीज, कृषि यंत्र, डीजल, बिजली के दामों की बढ़ोत्तरी से टूटे किसान को इस तरह और तोड़ दिया गया है। उपज का सही दाम नहीं मिलने से लगातार हो रहे घाटे के बीच डीएपी की बोरी के दाम बढ़ा देना अन्नदाता पर आर्थिक अत्याचार से कम नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग किसानों और आम उपभोक्ता पर ज्यादा से ज्यादा विद्युत व्यय भार बढ़ाने में गतवर्ष से ही लगा है। पहले उसके जिस स्लैब परिवर्तन को खारिज कर दिया गया था उसे ही वह बिजली कम्पनियों के हित में लागू कराने की फिर साजिश कर रहा है। भाजपाई विद्युत नीति से बुनकर उद्योग चौपट हो गया है। विद्युत क्षेत्र में बढ़ती लाइन हानियों के अलावा उत्पादन और पारेषण के क्षेत्र में भी धांधलियां बढ़ती जा रही है। सरकार में शीर्ष पर बैठे लोग केवल जुबानी जमाखर्च करके रह जाते है। कहा कि भाजपा राज में किसान को इतना पीड़ित किया जा रहा है कि वह खेती किसानी से ही तौबा कर लेगा। क्रय केन्द्रों पर गेहूं का अम्बार लगा है लेकिन उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है। चिलचिलाती धूप में लम्बी-लम्बी कतारों में अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसान को कहीं ई-पास तो कहीं बोरा न होने पर बैरंग लौटा दिया जा रहा है। क्रय केन्द्रों पर नाममात्र की खरीद हो रही है, लेकिन अधिकांश जगहों पर क्रय केन्द्रों का अता-पता ही नहीं हैं। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र

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