Advocates made shramdaan at Vivekanand migration site
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विवेकानन्द प्रवास स्थल पर अधिवक्ताओं ने किया श्रमदान

-स्वास्थ्य लाभ के लिए स्वामी जी एक माह तक काशी में प्रवास स्थल पर रहे वाराणसी, 09 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद अंतिम बार काशी प्रवास में जिस गोपाललाल विला (वर्तमान में एलटी कॉलेज) में ठहरे थे। शनिवार को उसी प्रवास स्थल पर अधिवक्ताओं के दल ने श्रमदान कर साफ सफाई की। स्वच्छता अभियान में शामिल बनारस बार एसोसियेशन के पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय, सेंट्रल बार के उपाध्यक्ष सुजीत पांडेय, अधिवक्ता विनोद पांडेय भैयाजी, राजेश कुशवाहा, मनीष सिंह, राजेश तिवारी व अर्दली बाजार व्यापार मंडल के महामंत्री मनोज दुबे ने संयुक्त रूप से बताया कि 12 जनवरी को स्वामी जी की जयंन्ती पर युवा दिवस मनाया जायेगा। यहां भव्य स्वामी विवेकानंद मेमोरियल बनाने के लिये हम लोगों ने अभियान भी छेड़ा हुआ है। इस परिसर के महत्व को देखते हुए शासन स्तर अभी कोई ठोस सकारात्मक पहल नहीं हुई है। अधिवक्ता नित्यानंद राय ने बताया कि परिसर से स्वामी विवेकानंद स्वास्थ्य लाभ के लिए आए थे। इसका जिक्र इतिहास के पन्नों में मौजूद हैं। स्वामीजी ने भगिनी निवेदिता, स्वामी ब्रह्मानंद व सुश्री वुली बुल को जो पत्र लिखा था, उसमें इसका उल्लेख है। स्वामी जी बनारस की अंतिम यात्रा 1902 में की थी। उस दौरान वह बीमार थे। बाद में स्वामीजी बेलूर मठ चल गए। चार जुलाई 1902 को स्वामी जी महासमाधि में लीन हो गए। नित्यानंद राय ने बताया कि प्रवास स्थल पर विवेकानन्द धाम बनाने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है। पत्र के जरिये बताया है कि इस ऐतिहासिक स्थल को अब भी नहीं सहेजा गया, तो गोपाल लाल विला कभी भी ढह सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। यह समय कि मांग है कि विश्वनाथ धाम के बाद विवेकानन्द धाम का इस जगह पर निर्माण हो। पत्र में स्वामी विवेकानन्द के नाम पर अर्दलीबाजार का नाम करने और यहां अस्पताल बनाने की मांग की गई है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय-hindusthansamachar.in

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