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बैंकों की हड़ताल के चलते खाताधारक हो रहे परेशान

औरैया, 16 मार्च (हि. स.)। निजीकरण व विलय के खिलाफ लामबंद बैंककर्मियों की हड़ताल के चलते मंगलवार के दिन को बैंक में ताले लटके रहे। इससे उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हड़ताल से लगभग बीस लाख का लेन-देन प्रभावित रहा। बैंक न खुलने से खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लगातार तीन दिनों तक बंदी से लोगों को पैसे के लिए दिक्कत झेलनी पड़ी। सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण और विलय की योजना बनाई है। सरकार की कार्यप्रणाली बैंककर्मियों को रास नहीं आ रही है। यदि बैंकों का निजीकरण किया गया तो हजारों कर्मियों की नौकरी जा सकती है। वहीं खाताधारकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसको लेकर बैंककर्मी लामबंद हो गए हैं। सोमवार व मंगलवार को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी। पहले दिन व दूसरे दिन अभी बैंकों में ताला लटका रहा। वही पूर्व सूचना न होने की वजह से कई खाताधारक अपना काम कराने के लिए आए, लेकिन बैंक बंद देख उन्हें वापस लौटना पड़ा। हड़ताल को लेकर भी बैंक की ओर से कोई बैनर, पोस्टर अथवा तख्ती भी नहीं लगाई गई थी। इससे खाताधारक बंदी के बारे में दूसरों से पूछते नजर आए। उन्हें बैंककर्मियों की हड़ताल के चलते बैंक बंद होने की जानकारी मिली, तो उन्हें मायूसी हुई। दरअसल, सप्ताह के पहले तीन दिनों तक लेन-देन का दबाव रहता है। पेंशन, जनधन, मनरेगा मजदूरी समेत तमाम योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को पैसा निकलने में खासी परेशानी हो रही है। ऐसे में बैंक की बंदी लोगों को खल रही है। दूसरी ओर एटीएम बन्द होने से कस्बे के लोग खासे परेशान रहे।वैसे भी मार्च में त्योहार के चलते लगभग 15 दिन बैंक बंद रहेंगे।इस सम्बंध में सेंट्रल बैंक के असिस्टेंट सुमित सिंह ने बताया मंगलवार को लगभग बीस लाख का का लेन-देन प्रभावित रहा। हिन्दुस्थान समाचार / सुनील

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